बृहस्पति ग्रह को इन उपायों से करें बलवान, होगी धन प्राप्ति और मिलेगी सुख समृद्धि
जैसा कि हमने समय-समय पर आपको इस बात से अवगत कराया है कि सौरमंडल के सभी ग्रहों के तार व्यक्ति के जीवन से जुड़े होते हैं। ऐसे में कुंडली में कोई ग्रह शुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को शुभ परिणाम मिलते हैं और इसके विपरीत कोई ग्रह कुंडली में अशुभ स्थिति या दुर्बल अवस्था में हो तो इससे व्यक्ति को अपने जीवन में नकारात्मक परिणाम भी झेलने पड़ सकते हैं।
इससे पहले आचार्य कमल शर्मा ने हमें यह बताया था कि कुंडली में मज़बूत बुध के क्या फायदे होते हैं और बुध ग्रह को मज़बूत कैसे किया जा सकता है। अब इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए आज जानते हैं कि कुंडली में बृहस्पति ग्रह मज़बूत हो तो व्यक्ति को क्या परिणाम मिलते हैं, यदि यह ग्रह अशुभ स्थिति या दुर्बल अवस्था में हो तो क्या कुछ नुक्सान उठाने पड़ते हैं, बृहस्पति ग्रह को मज़बूत करना क्यों ज़रूरी होता है, और इसे मज़बूत करने के लिए क्या कुछ उपाय किये जा सकते हैं इसकी भी जानकारी आपको इस ब्लॉग में प्रदान की जा रही है।
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कुंडली में मज़बूत बृहस्पति से मिलने वाला फल
ज्योतिष के अनुसार जिन व्यक्तियों की कुंडली में बृहस्पति ग्रह बली अवस्था में होता है तो ऐसे व्यक्तियों को जीवन के तमाम क्षेत्रों में लाभ प्राप्त होता है। ऐसे लोग शिक्षा, ज्ञान में अच्छे होते हैं और उदारवादी विचारों वाले होते हैं। इसके अलावा कुंडली में गुरु ग्रह (बृहस्पति ग्रह) मज़बूत अवस्था में हो तो व्यक्ति का झुकाव आध्यात्मिकता की ओर ज्यादा रहता है।
क्यों है जन्म कुंडली में बृहस्पति का बलवान होना जरूरी ?
वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को देवताओं का गुरु भी माना जाता है। चूंकि यह ग्रह ग्रहों का गुरु है इसीलिए अगर बृहस्पति जन्म कुंडली में बलवान ना हो तो कई अशुभ फल प्रदान करता है।
आइये अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं यदि बृहस्पति ग्रह जन्म कुंडली में शुभ स्थिति या दुर्बल स्थिति में हो तो जीवन यापन में किन-किन वस्तुओं में नुकसान होगा और किन-किन चीजों में अधिक लाभ मिलेगा।
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जन्म कुंडली में मजबूत बृहस्पति से मिलने वाला फल
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार जिन व्यक्तियों के कुंडली में गुरु ग्रह बलवान अवस्था में होता है ऐसे व्यक्तियों को ज्ञान अच्छे गुण, पुत्र, नौकरी में अच्छा पद, या उच्च पद, अच्छा आचरण, पढ़ाना या दीक्षा देना या ज्ञान देना, आत्मा का महान, होना शास्त्रों को जानने वाला, व सभी की उन्नति चाहने वाला होता है। ऐसे व्यक्ति अपने धर्म को निभाने वाला, सभी को क्षमा करने वाला, खजाना या धन पाने वाला, और इंद्रियों को अपने वश में करने वाला होता है। यदि स्त्रियों की कुंडली में गुरु ग्रह मज़बूत हो तो ऐसी महिलाएं पति से सुख पाने वाली होती हैं।
यदि जन्म कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर हो या खराब स्थिति में हो तो क्या क्या खराब फल दे सकता है? अपेंडिसाइटिस, अंदर से बुखार होना, बेहोशी होना, किसी भी प्रकार का कान में रोग होना, धार्मिक स्थान संबंधित पीड़ा, या धार्मिक स्थानों की जायदाद को लेकर मुकदमे बाजी, किसी खजाने ट्रस्ट या बैंक के मामलों के कारण कष्ट या अदालती कार्यवाही, अपने माननीय लोगों से मतभेद आदि व्यक्ति के जीवन में निरंतर बने रहते हैं।
गुरु जन्म कुंडली में 4, 6, 8, 12वें भाव में स्थित हो अथवा मकर राशि का नीच होकर बैठा हो शत्रु या अशुभ ग्रहों से दृष्ट या युक्त हो तो ऐसी स्थिति में अशुभ फल प्रदान करता है। जिसके चलते व्यक्ति को स्त्री कष्ट, भाइयों से विवाद, शरीर में कष्ट, बुद्धि में विकार, और अनावश्यक धन का खर्च होना, आदि झेलने पड़ते हैं।
नोट: ज्योतिषी से परामर्श ले करके ही शुभ या अशुभ का निर्णय करें क्योंकि कभी-कभी देखा गया है कि इन भावों में स्थित होने के बाद भी ग्रह शुभ फल प्रदान करता है।
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कुंडली में बृहस्पति ग्रह को मज़बूत करने के उपाय
गुरुवार के दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करें।अक्षय वृक्षारोपण करें तथा जल चढ़ाएं।नियमित रूप से पूजा अर्चना करें।विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।हरिवंश पुराण का पाठ करें या श्रवण करें।स्वर्ण हल्दी, पीले फूल, एवं चने की दाल धार्मिक स्थान पर दान करें।केसर का तिलक करें या नाभि पर लगाएं।27 बृहस्पतिवार को केसर का तिलक लगाएं, पीले कपड़े या पीले कागज में केसर की पोटली बनाकर अपने पास रख लें।बहते हुए पानी में बादाम एवं नारियल पीले कपड़े में लपेटकर प्रवाहित कर दें।पीपल के वृक्ष को गुरुवार एवं शनिवार को गुरु का बीज मंत्र एवं गुरु गायत्री पढ़ते हुए जल चढ़ाएं।वृद्ध ब्राह्मण को यथाशक्ति पीली वस्तुएं दान करें। जैसे चने की दाल, लड्डू, पीले वस्त्र, शहद आदि।बृहस्पतिवार का व्रत करें।केले के वृक्ष में जल चढ़ाएं और पूजा करें।बृहस्पति को मजबूत करने के लिए आप बृहस्पति का रत्न पुखराज धारण कर सकते हैं। अगर आप पुखराज धारण नहीं कर पाते हैं तो सुनेला भी धारण किया जा सकता है। किंतु किसी भी रत्न को धारण करने से पूर्व ज्योतिषी से परामर्श अवश्य कर लें। व्यक्तिगत परामर्श के लिए विद्वान ज्योतिषियों से जुड़ने का शानदार विकल्प है एस्ट्रोसेज वार्ता। बृहस्पति यानी कि गुरु को मजबूत करने के लिए आप जड़ी भी धारण कर सकते हैं। विशेष बृहस्पति को मजबूत बनाने के लिए केले के जड़ अथवा संतरे के जड़ को धारण करें। यह भी ज्योतिषीय परामर्श के बाद ही करने की सलाह दी जाती है।बृहस्पति के मंत्र एवं गायत्री एकाक्षरी बीज मंत्र ‘ॐ बृं बृहस्पतये नम:’ का जप करें।बृहस्पति की गायत्री ‘ॐ आङ्गिरसाय विद्महे दिव्यदेहाय। धीमहि तन्नोः जीवः प्रचोदयात्।।तांत्रिक मंत्र ‘ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:’।बृहस्पति को बलवान करने के लिए प्रतिदिन पीला रंग के वस्त्र धारण करके एकाक्षरी बीज मंत्र का 108 बार जाप करें।
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