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Chanakya Niti : इन जगहों पर खर्चा करने में नहीं करनी चाहिए कंजूसी, चाणक्य नीति में किया गया है उल्लेख

Chanakya Niti :  आचार्य चाणक्य (acharya chanakya) को मौर्य वंश के संस्थापक के रूप में जाना जाता है.  आचार्य ने बुद्धि कौशल के ही दम पर पूरे नंदवंश का नाश करके एक साधारण से बालक को राजगद्दी पर बैठा दिया था. आचार्य (Chanakya gyan) ने खुद ही अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना किया था, लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी नीतियों में कई ऐसी बातों का उल्लेख किया जो हर किसी को अपने जीवन में उतारना चाहिए. बता दें कि वे महान कूटनीतिज्ञ, राजनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री, समाजशास्त्री थे.चाणक्य (Chanakya updsh)  ने जिन बातों का उल्लेख अपनी नीति में किया था वो आज के समय में सच साबित होती दिखाई दे रही है. आचार्य ने अपने नीति शास्त्र में इस बात का उल्लेख किया है कि कब पैसे खर्च करने में कंजूसी नहीं करना चाहिए.

बीमार लोगों की मदद करें

आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में इस बात का उल्लेख किया है कि जितना भी हो सके हमेशा अपनी सामर्थ के अनुसार बीमार लोगों की पैसों के मामले में मदद करनी चाहिए. इससे हमेशा ही आपका मान और सम्मान बढ़ता है.इसके साथ ही इससे भगवान भी आप पर प्रसन्न होते हैं. बीमार लोगों की मदद न करने से मनुष्य को कुछ बुरा होने पर पछताना पड़ता है.

गरीब और जरूरतमंदों की मदद करें

चाणक्य नीति में खास रूप से इस बात का उल्लेख किया गया है कि कोई भी गरीब और जरूरतमंद इंसान की मदद करने से  खूब पुण्य मिलता है. इस कारण से ही हमेशा ही जरूरत पड़ने पर जरूरतमंदों के लिए पैसा  खर्च करने में कोई परहेज नहीं करना चाहिए. अगर आप गरीब बच्चों की शिक्षा देने के लिए भी दान कर सकते हैं. ऐसा करने से भी भगवान आप पर प्रसन्न होते हैं.

सामाजिक कार्यों में पैसा जरूर लगाना चाहिए

चाणक्य की नीति के अनुसार सभी को  अपनी आय मतलब कुल कमाई  का कुछ हिस्सा सामाजिक कार्यों में जरूर लगाना चाहिए. आप अस्पताल और स्कूल में भी पैसा लगा सकते हैं. इससे भाग्य में वृद्धि होती है और आपका मान-सम्मान बढ़ता है और किसी जरूरतमंद कर आपकी सहायता भी पहुंच जाएगी.

धर्म स्थलों के लिए दान दें

चाणक्य नीति में इस बात का उल्लेख किया गया है कि किसी भी धर्म स्थलों के लिए दान करने से कभी पीछे नहीं करना चाहिए, ऐसा करने से पुण्य मिलता है और  जीवन में सकारात्मकता आती है. ऐसा करने से आपके परिवार में शांति और सुख-समृद्धि भी खूब बढ़ती है.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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