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Mauni Amavasya 2022 : आज सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जा रही है मौनी अमावस्या, पुण्य प्राप्ति के लिए ये 3 बातें ध्यान रखें

हिंदू धर्म में माघ के महीने (Magh Month) को बहुत उत्तम माना गया है. स्नान, दान और धार्मिक कार्यों के लिहाज से ये पूरा महीना बहुत उत्तम होता है. लेकिन आज का दिन स्नान, दान, पितृ दोष निवारण और अन्य धार्मिक कार्यों के लिए बहुत ही खास है क्योंकि आज 1 फरवरी को मंगलवार के दिन मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya) है. शास्त्रों में इस अमावस्या का विशेष महत्व बताया गया है. वहीं आज के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग (Sarvartha Siddhi Yoga) भी बन रहा है. सर्वार्थ सिद्धि योग बहुत ही शुभ माना जाता है. मान्यता है कि ये योग सभी इच्छाओं की पूर्ति करने वाला है. इसके अलावा सूर्य ,चंद्रमा, बुध, शनि एक साथ मकर राशि में रहेंगे, जिस वजह से चतुर्ग्रही योग का भी निर्माण हो रहा है. यहां जानिए मौनी अमावस्या से जुड़ी खास बातें.

मौनी अमावस्या पर मौन का महत्व

मौनी अमावस्या आत्ममंथन का दिन है. इस दिन मौन व्रत रखने का विशेष महत्व है. मौन व्रत के जरिए व्यक्ति को खुद के अंतर्मन में झांकना चाहिए और मन की शुद्धि का प्रयास करना चाहिए. इस दिन जितना संभव हो प्रभु की भक्ति में लीन रहें. मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत रखने से समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं और व्यक्ति को मुनिपद की प्राप्ति होती है. अगर आप पूरे दिन का मौन नहीं रख सकते तो कम से कम दान से पहले सवा घंटे का मौन जरूर रखें.

गंगा स्नान करें

आज के दिन गंगा नदी में स्नान करें. अगर किसी कारण ऐसा न कर पाएं तो घर के ही जल में थोड़ा गंगाजल मिक्स करके, मां गंगे का स्मरण करें और उस जल को प्रणाम करें. इसके बाद गंगा जल से स्नान करें. इससे आपको गंगा स्नान का पुण्य प्राप्त होगा और आपके तमाम पापों का अंत होगा.

पितरों को तर्पण करें

आज का​ दिन पितरों की मुक्ति का दिन है. आप अपने पितरों को तर्पण करके उन्हें तमाम कष्टों से मुक्त करा सकते हैं. इसलिए ऐसा जरूर करें. इससे आपको उनका आशीर्वाद मिलेगा. इसके अलावा भगवान शिव का काले तिल युक्त दूध से अभिषेक करें. तांबे के कलश में काले तिलभर कर ब्राह्मण को दान करें और अमावस्या पर भिक्षुकों को भोजन व गायों को हरा चारा खिलाएं. इससे आपके पितर बहुत प्रसन्न होते हैं. आपको उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और आपके तमाम कष्ट दूर हो जाते हैं. परिवार में सुख समृद्धि और खुशहाली आती है.

 

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

 

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