Naam Rashi Akshar नाम राशि अक्षर, नक्षत्र चरण के अनुसार नाम अक्षर नामकरण
राशि
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
नक्षत्र और उनके अक्षर-
नक्षत्रों का ज्योतिष महत्व
ज्योतिषशास्त्र में 12 राशियां होती हैं और 27 नक्षत्र हैं। हर राशि में 2 या 3 नक्षत्र आते हैं। कहा जाता है कि इन 27 नक्षत्रों के नाम दक्ष प्रजापति की 27 कन्याओं के नाम पर आधारित हैं और दक्ष ने अपनी 27 बेटियों का विवाह चंद्रदेव से कर दिया था। इसलिए ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक चंद्रमा इन 27 नक्षत्रों में गोचर करता रहता है, तब कहीं 27.3 दिन में धरती की परिक्रमा पूरी कर पाता है। वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा की स्थिति के अनुसार ही बच्चे का नामक्षर और उसकी राशि तय की जाती है। इसके अलावा प्रत्येक नक्षत्र का एक स्वामी होता है जिसका जातक के जीवन में गहरा प्रभाव पड़ता है।
नक्षत्रों को प्रमुख तौर पर देवगण, नरगण और राक्षसगण में विभाजित किया गया है। वहीं हिंदू धर्म में शादी या किसी शुभ तिथि को तय करने के लिए नक्षत्र की गणना की जाती है। ये नक्षत्र जातक के शारीरिक अंगों को परिभाषित करने के साथ-साथ बीमारियों को बताने के लिए जाने जाते हैं। ज्योतिष के अनुसार 27 नक्षत्र होते हैं। परंतु इन 27 नक्षत्रों को भी तीन भागों में विभाजित कर दिया गया है। शुभ नक्षत्र, मध्यम नक्षत्र और अशुभ नक्षत्र।
शुभ, मध्यम और अशुभ नक्षत्र
शुभ नक्षत्र वे नक्षत्र होते हैं जिनमें किए गए समस्य कार्यों सिद्ध और सफल होते हैं। इनमें 15 नक्षत्र आते हैं – रोहिणी, अश्विन, मृगशिरा, पुष्य, हस्त, चित्रा, रेवती, श्रवण, स्वाति, अनुराधा, उत्तराभाद्रपद, उत्तराषाढा, उत्तरा फाल्गुनी, घनिष्ठा, पुनर्वसु। वहीं मध्यम नक्षत्र में वे नक्षत्र आते हैं जिनमें किए गए कार्य मध्यम फलदायी और सिद्धकारी होते हैं। इसमें हानि नहीं होती है लेकिन मध्यम फल ही प्राप्त होता है। जैसे -पूर्वा फाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा, पूर्वाभाद्रपद, विशाखा, ज्येष्ठा, आर्द्रा, मूला और शतभिषा। अंतिम में अशुभ नक्षत्र वे होते हैं, जिसमें किए गए कार्यों का फल अशुभ और बुरा मिलता है। साथ ही कार्य के दौरान बाधाएं जरूर आती हैं। वे नक्षत्र होते हैं – भरणी, कृतिका, मघा और आश्लेषा।
पंचक :-
अक्सर आपने पंचक और गंडमूल नक्षत्रों के बारे में कई बार सुना होगा। दरअसल इन नक्षत्रों में कोई भी शुभ काम की शुरुआत नहीं की जाती है और अगर इस नक्षत्र में कोई जातक जन्म लेता है तो जन्म के 27 दिन बाद मूलशांति की पूजा की जाती है। पंचक नक्षत्र तब होता है जब चंद्रमा कुंभ और मीन राशि में गोचर करता है। उस वक्त घनिष्टा से रेवती के बीच में जितने नक्षत्र होते हैं उन्हें पंचक कहा जाता है। मान्यता है कि पंचक के दौरान जोखिम भरा कार्य करना वर्जित है और दक्षिण दिशा की तरफ यात्रा करना अशुभ माना जाता है। इस नक्षत्र के दौरान घर की छत यानि लेंटर नहीं डलवाना चाहिए।
गंडमूल नक्षत्र :-
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, इस नक्षत्र को सबसे अशुभ माना जाता है। अश्विनी,आश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा, मूल और रेवती को गंडमूल नक्षत्र कहा गया है। इस नक्षत्र में पैदा होने वाले जातक को जीवनभर कष्टों और संघर्षों का सामना करना पड़ता है। यदि इन 6 नक्षत्रों में किसी में भी बच्चा जन्म लेता है तो 27 दिन के पश्चात घर पर मूलशांति का पाठ करवाना पड़ता है और 27 दिन तक पिता बच्चे का मुख भी नहीं देखते हैं।
आइए जानते हैं नक्षत्र उनके चरणों के अक्षर और राशि के बारे में –
मेष राशि –
अश्विनि नक्षत्र:- चू, चे, चो, ला
भरणी नक्षत्र:-ला, ली, लू, ले, लो
कृतिका नक्षत्र:- आ,ई, ऊ, ए
वृष राशि-
कृतिका नक्षत्र:- आ,ई, ऊ, ए
रोहिणी नक्षत्र:- ओ, वा, वी, वू
मृगशिरा नक्षत्र:- वे, वो,का, की
मिथुन राशि-
मृगशिरा नक्षत्र:- वे, वो,का, की
आर्द्रा नक्षत्र:- कू, घ, ङ, छ
पुनर्वसु नक्षत्र:- के, को, हा, ही
कर्क राशि –
पुनर्वसु नक्षत्र:- के, को, हा, ही
पुष्य नक्षत्र:- हू, हे, हो, डा
अश्लेषा नक्षत्र:- डी, डू, डे, डो
सिंह राशि-
मघा नक्षत्र:- मा, मी, मू, मे
पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र:- मो, टा, टी, टू
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र:- टे,टो,पा,पी
कन्या राशि –
उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र:- टे,टो,पा,पी
हस्त नक्षत्र:- पू, ष, ण, ठ
चित्रा नक्षत्र:- पे,पो, रा,री
तुला राशि –
चित्रा नक्षत्र:- पे,पो, रा,री
स्वाती नक्षत्र:- रू, रे, रो, ता
विशाखा नक्षत्र:- ती, तू, ते, तो
वृश्चिक राशि –
विशाखा नक्षत्र:- ती, तू, ते, तो
अनुराधा नक्षत्र:- ना, नी, नू, ने
ज्येष्ठा नक्षत्र:- नो, या, यी, यू
धनु राशि –
मूल नक्षत्र:- ये, यो, भा, भी
पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र:- भू, धा, फा, ढा
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र:- भे,भो, जा, जी
मकर राशि –
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र:- भे,भो, जा, जी
श्रवण नक्षत्र:- खी, खू, खे, खो
धनिष्ठा नक्षत्र:- गा, गी, गू, गे
कुंभ राशि –
धनिष्ठा नक्षत्र:- गा, गी, गू, गे
शतभिषा नक्षत्र:- गो, सा, सी, सू
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र:- से, सो, दा, दी
मीन राशि –
पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र:- से, सो, दा, दी)
उत्तराभाद्रपद नक्षत्र:- दू, थ, झ, ण
रेवती नक्षत्र:- दे, दो, चा, ची
12 राशि इंग्लिश मे
(अंक) Number | (राशि) Rashi | (अक्षर) Letter |
1 | (मेष) – Aries | (अ.ल.ई) – A, L, E |
2 | (वृषभ) – Taurus | (ब.व.उ) – B, V, U |
3 | (मिथुन) – Gemini | (क.छ.घ) – K, CHH, GH |
4 | (कर्क) – Cancer | (ड.ह) – D, H |
5 | (सिंह) – Leo | (म.ट) – M, T |
6 | (कन्या) – Virgo | (प.ठ.ण) – P, TH, N |
7 | (तुला) – Libra | (र.त) – R, T |
8 | (वृश्चिक) – Scorpio | (न.य) – N, Y |
9 | (धनु) – Sagittarius | (फ.ध.भ.ढ) – PHA, DHA, BHA, DHA |
10 | (मकर) – Capricornus | (ख.ज) – KHA, J |
11 | (कुंभ) – Aquarius | (ग.स.श.ष) – G, S, SH, SH |
12 | (मीन) – Pisces | (द.च.झ.थ) – D, C, JHA, THA |
12 राशि गुजराती मे

12 राशि स्वामी गुरु | 12 Rashi Swami
सभी 12 राशि (Rashi) के स्वामी
राशि नाम हिन्दी | राशि नाम अंग्रेजी | राशि स्वामी ग्रह | राशि तत्व | राशि दिशा |
मेष | Aries | मंगल | राजस | पूर्व |
वृषभ | Taurus | शुक्र | तामस | दक्षिण |
मिथुन | Gemini | बुध | सात्विक | पश्चिम |
कर्क | Cancer | चन्द्र | राजस | उत्तर |
सिंह | Leo | सूर्य | तामस | पूर्व |
कन्या | Virgo | बुध | सात्विक | दक्षिण |
तुला | Libra | शुक्र | राजस | पश्चिम |
वृश्चिक | Scorpio | मंगल | तामस | उत्तर |
धनु | Sagittarius | गुरु | सात्विक | पूर्व |
मकर | Capricorn | शनि | राजस | दक्षिण |
कुंभ | Aquarius | शनि | तामस | पश्चिम |
मीन | Pisces | गुरु | सात्विक | उत्तर |
राशियो के चिन्ह ( Symbol of Zodiac Hindi)

राशि | संकेत/चिन्ह |
मेष | मेढा |
वृष/वृषभ | बैल |
मिथुन | युवा दंपत्ति |
कर्क | कैकडा |
सिंह | शेर |
कन्या | कुवारी कन्या |
तुला | तराजू |
वृश्चिक | बिच्छु |
धनु | धनुष, धर्नुधारी |
मकर | मगरमच्छ |
कुम्भ | घड़ा, कलश |
मीन | मछली |