Sun Temple : सिर्फ आस्था ही नहीं बल्कि अपनी भव्यता के लिए भी प्रसिद्ध हैं सूर्य के ये पांच प्रमुख मंदिर
सनातन परंपरा से जुड़े देश में कई ऐसे मंदिर हैं, जो न सिर्फ अपनी आस्था के लिए बल्कि अपनी भव्यता और रोचक तथ्यों के लिए जाने जाते हैं. प्रतिदिन प्रत्यक्ष दर्शन देने वाले सूर्य देव (Lord Sun) के देश में कई ऐसे प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिसे देखने के लिए लोग देश-विदेश से आते हैं. ओडिशा के कोणार्क सूर्य मंदिर (Konark Sun Temple) से लेकर गुजरात के मोढ़ेरा स्थित सूर्य मंदिर (Modhera Sun temple) तक सभी सूर्य मंदिर के साथ कोई न कोई धार्मिक कथा या कोई अनोखा धार्मिक-आध्यात्मिक राज छिपा हुआ है. आइए देश के ऐसे पांच प्रमुख सूर्य मंदिर (Sun temple) के बारे में विस्तार से जानते हैं.
कोणार्क का सूर्य मंदिर
भगवान सूर्यदेव के प्रसिद्ध मंदिरों में कोणार्क का नाम सबसे पहले आता है. ओडिशा में स्थित कोणार्क के सूर्य मंदिर देश के 10 बड़े मंदिरों में गिना जाता है. मान्यता है कि इस मंदिर की स्थापना भगवान श्री कृष्ण के पुत्र साम्ब ने की थी. अपने भीतर तमाम तरह के रहस्य को समाहित किये हुए यह मंदिर ओडिशा राज्य के पुरी शहर से लगभग 23 मील दूर चंद्रभागा नदी के तट पर स्थित है. मंदिर का निर्माण कुछ ऐसे किया गया है जैसे एक रथ में 12 पहिए लगे हों. इन पहियों को 12 महीने का प्रतीक माना जाता है. इस मंदिर की अद्वितीय मूर्तिकला और इससे जुड़ी कहानियां इस मंदिर को खास बनाती हैं. इस मंदिर की खासियत है कि सूर्योदय की पहली किरण मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार से टकराती है.
औरंगाबाद का देव सूर्य मंदिर
बिहार के औरंगाबाद जिले में भगवान सूर्यदेव का एक ऐसा अनोखा सूर्य मंदिर है, जिसके द्वार पूर्व की बजाय पश्चिम की ओर है. देव सूर्य मंदिर (Deo surya mandir) या फिर कहें देवार्क सूर्य मंदिर को त्रेतायुग का माना जाता है, जहां पर सात रथों पर सवार भगवान सूर्यदेव के तीन स्वरूप के दर्शन होते हैं. इसमें उदयाचल- उदित होते हुए, मध्याचल- अर्थात् दिन के मध्य समय और अस्ताचल- यानी अस्त हो रहे सूर्य का दर्शन होता है. इस सूर्य मंदिर के बारे में मान्यता है कि इसका द्वार एक रात में अपने आप दूसरी दिशा की ओर बदल गया था.
मोढेरा का सूर्य मंदिर
मोढेरा सूर्य मंदिर गुजरात के पाटन नामक स्थान से 30 किलोमीटर दक्षिण की ओर मोढेरा गॉव में निर्मित है. यह सूर्य मन्दिर विलक्षण स्थापत्य और शिल्प कला का बेजोड़ उदाहरण है. जिसे सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम ने 1026 ई. में बनवाया था. मोढेरा का सूर्य मंदिर दो हिस्से में बना है, जिसमें पहला हिस्सा गर्भगृह का और दूसरा सभामंडप का है. मंदिर को कुछ तरह से बनाया गया है कि सूर्योदय के समय सूर्य की किरणें गर्भगृह में आती हैं. मंदिर के सभामंडप के पास ही सूर्यकुंड है. जिसे राम कुंड के नाम से जाना जाता है.
कश्मीर का मार्तंड मंदिर
देश के प्रसिद्ध सूर्य मंदिरों में कश्मीर में स्थित मार्तंड मंदिर अत्यंत ही प्रसिद्ध है. यह मंदिर कश्मीर के दक्षिणी भाग में अनंतनाग से पहलगाम के रास्ते में मार्तण्ड नामक स्थान पर है. मान्यता है कि इस सूर्य मंदिर को आठवीं सदी में कारकोटा वंश के राजा ललितादित्य ने बनवाया था. जिसे पंद्रहवी शताब्दी में सिकंदर बुतशिकन ने नष्ट कर दिया था. इस मंदिर में एक बड़ा सरोवर भी है.
आंध्र प्रदेश का सूर्यनारायण मंदिर
आंध्रप्रदेश में श्रीकाकुलम जिले के अरसावल्ली गांव से करीब 1 किमी पूर्व दिशा में भगवान सूर्य का लगभग 1300 साल पुराना भव्य मंदिर है. यहां पर भगवान सूर्य नारायण अपनी पत्नियों उषा और छाया के साथ पूजे जाते हैं. इस मंदिर की विशेषता है कि यहां साल में दो बार सीधे मूर्ति पर सूर्य की पहली किरण पड़ती है. मान्यता है कि यहां पर भगवान सूर्य की मूर्ति को कभी कश्यप ऋषि ने विधि-विधान से प्रतिष्ठित किया था. इस मंदिर में भगवान सूर्यदेव के दर्शन मात्र से सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)