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Vijaya Ekadashi 2022 : विजया एकादशी के​ दिन इन उपायों को करने से पूरी होगी आपकी मनोकामना

फाल्गुन मास (Phalguna Month) की कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी (Vijaya Ekadashi) के नाम से जाना जाता है. शास्त्रों में सभी एकादशी व्रत को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) का समर्पित बताया गया है और इसे श्रेष्ठ व्रतों में से एक माना जाता है. हालांकि एकादशी व्रत के नियम काफी कठिन होते हैं. ये दशमी ​की शाम से लागू हो जाते हैं और द्वादशी तक चलते हैं. शास्त्रों में एकादशी के सभी व्रतों का अलग अलग महत्व बताया गया है. विजया एकादशी का व्रत शत्रुओं पर विजय दिलाने वाला है. माना जाता है कि स्वयं प्रभु श्रीराम से रावण से युद्ध करने से पहले विजया एकादशी का व्रत रखा था, इसके बाद लंकापति रावण का वध किया था. इस बार विजया एकादशी 27 फरवरी को पड़ रही है. अगर आप इस व्रत को नहीं रख सकते तो इस शुभ दिन में कुछ विशेष उपाय कर सकते हैं. इन उपायों से आपकी कई मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं.

एकादशी पर करें ये उपाय

 

किसी विशेष कामना के लिए

अगर आप किसी विशेष कामना की पूर्ति चाहते हैं, तो सुबह स्नानादि से निवृत्त होकर सूर्य को गंगाजल अर्पित करें. इसके बाद प्रभु श्रीराम परिवार की पूजा करें. ग्यारह केले, लड्डू, लाल फूल चढ़ाएं. ग्यारह चन्दन अगरबत्ती और ग्यारह दीपक जलाएं. ग्यारह खजूर और ग्यारह बादाम चढ़ाएं. इसके बाद ‘ॐ सिया पतिये राम रामाय नमः’ मंत्र का जाप करें.

बेहतर नौकरी के लिए

अगर आप लंबे समय से नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो एकादशी के दिन आपको एक उपाय जरूर करना चाहिए. इसके लिए कलश पर आम का पल्लव रखें. इस पर जौ से भरा पात्र रखें और एक दीपक जलाएं. 11 लाल फूल, 11 फल और मिठाई चढ़ाएं. इसके बाद सूर्य के कारक विष्णु देव और मां लक्ष्मी जी की पूजा करें. फिर ‘ॐ नारायणाय लक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का जाप करें.

घर में सुख समृद्धि के लिए

विजया एकादशी के दिन पूजा में तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल जरूर करें. कहा जाता है कि इससे नारायण जरूर प्रसन्न होते हैं. तुलसी का पत्ता अर्पित करते समय आप प्रभु के समक्ष अपने परिवार में सुख समृद्धि की कामना रखें. साथ ही पूजा में पंचामृत का प्रसाद जरूर चढ़ाएं.

संतान प्राप्ति के लिए

संतान प्राप्ति के लिए दंपत्ति को मिलकर भगवान की पूजा करनी चाहिए. एकादशी के दिन चांदी के लौटे में दूध में मिश्री मिलाकर पीपल पर अर्पित करना चाहिए. इस उपाय से सुंदर और योग्य संतान की प्राप्ति होती है.

 

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)

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