आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसी सोच रखने वालों को हमेशा मिलती है हार !
आचार्य चाणक्य के नीति ग्रंथ में कहीं न कहीं जीवन से जुड़े हर पहलू का उल्लेख किया गया है. चाणक्य ( Acharya Chanakya ) के जरिए सुझाए गए विचारों इतने प्रभावी हैं कि लोग आज भी इन्हें अपनाकर अपने जीवन को सुचारू रूप से व्यतीत कर रहे हैं. चाणक्य की नीतियां ( Chanakya niti in Hindi ) इतनी कारगर हैं कि इन्हीं के आधार पर नंद वंश का अंत हुआ और साधारण सा बालक मगध की राजगद्दी पर विराजमान हुआ. बता दें कि कौटिल्य पुत्र चाणक्य को लाइफ कोच भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने ग्रंथ में सामाजिक जीवन ( Social life tips ) को लेकर कई अहम बातें कही हैं. अगर इन बातों को व्यक्ति अपने जीवन में सही तरीके से लागू कर लें, तो उससे जुड़ी कई परेशानियों का हल निकल सकता है.
इतना नहीं चाणक्य की कही हुई बातों पर ध्यान देकर काफी हद तक असफलताओं से बचा जा सकता है. कहते हैं कि आचार्य चाणक्य ने लोगों की ऐसी आदतों बारे में भी बताया है, जिनकी वजह से उन्हें हमेशा हार का मुंह देखना पड़ता है. हम आपको ऐसी ही आदतों या गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं.
खुद को सर्वोपरि समझने वाले
कई बार सफलता हासिल करने पर व्यक्ति खुद को सर्वोपरि समझने लगता है. आचार्य के मुताबिक ऐसे व्यक्ति को एक समय पर हार का मुंह भी देखना पड़ जाता है. या फिर वह अकेला पड़ जाता है. वे कहते हैं कि घमंड और खुद को सबसे ऊपर समझना एक बहुत बड़ी भूल होती है. ऐसा व्यक्ति बाहर ही क्या घर में भी ऐसा व्यवहार अपना लेता है. इस कारण परिवार के सदस्य भी उसका साथ छोड़ने लगते हैं. उनके मुताबिक व्यक्ति भले ही कितना ही सफल हो जाए, उसे जमीन से जुड़ी हुआ रहना चाहिए.
नेगेटिव रहने वाले
अक्सर देखा गया है कि लोग परेशानियों के कारण नकारात्मक व्यवहार अपना लेते हैं. इस कारण भी उनके जीवन में आर्थिक ही नहीं शारीरिक समस्याएं बनने लगती है. चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को कठिन से कठिन समय का सामना बिना नेगेटिव हुए करना चाहिए. खुद को पॉजिटिव करने से एक अलग ही एनर्जी मिलती है, तो कठिनाइयों से सामना करने की हिम्मत देती हैं.
समय का महत्व
आचार्य चाणक्य के मुताबिक जो लोग समय का महत्व नहीं समझते हैं, उन्हें अक्सर असफलता हाथ लगती है और वे हमेशा हार का ही सामना करते हैं. चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोग, जल्द ही परेशानियों से घर जाते हैं. दरअसल, एक बार निकला हुआ समय, लौटकर नहीं आता. करियर और स्टेबल लाइफ के लिए हर एक पल कीमती है और इस बात हमेशा ध्यान में रखना चाहिए.
क्रोध
आचार्य कहते हैं कि जो व्यक्ति क्रोध को खुद पर हावी होने देता है उसे एक समय पर बहुत बड़े नुकसान का सामना करना पड़ता है. वे कहते हैं कि ये नुकसान एक तरह की हार ही होती है. इतना ही नहीं ऐसे लोगों को असफलता भी परेशान करती है. दरअसल, क्रोध में डूबे रहने वाले व्यक्ति को लोग पसंद नहीं करते. साथ ही ऐसे लोगों के साथ लोग बैठना-उठना भी पसंद नहीं करते हैं.
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