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गणतंत्र दिवस 2022 विशेष: भारत की कुंडली से खुलेंगे कई राज

भारतवर्ष विश्व के महानतम और बड़े लोकतांत्रिक देशों में से एक है और वर्ष 2022 में भारतीय गणतंत्र दिवस का 73वां उत्सव मनाया जा रहा है जो कि आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में भी मनाया जाएगा अर्थात इस बार गणतंत्र दिवस समारोह कुछ खास होने जा रहा है। वैसे भी यह समारोह प्रतिवर्ष कौतूहल, उत्साह और रोमांच से भरपूर रहता है क्योंकि इसमें अपने देश की झांकियां और सेना के विशेष कर्तव्य तथा विमान और आयुध को देखने का मौका मिलता है। 

इस बार भी ऐसा ही कुछ होने जा रहा है और यही कारण है कि देश के नौजवानों, देश के किसानों, देश के जवानों और आम जनमानस के साथ-साथ विदेशी देशों की दृष्टि भी भारत के इस गणतंत्र दिवस पर भारत की ओर रहती है और वे जानना चाहते हैं कि इस बार की गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में खास आकर्षण क्या हो सकते हैं। तो आज इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे कि कैसा होने वाला है गणतंत्र दिवस 2022 और क्या होगा विशेष इस गणतंत्र दिवस पर। तो आइए आगे बढ़ते हैं और इस समारोह के बारे में कुछ विशेष तथ्यों को जानते हैं। साथ ही यह भी जानते हैं कि वैदिक ज्योतिष वर्ष 2022 में भारत के भविष्य के बारे में क्या विशेष बताने जा रहा है।

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गणतंत्र दिवस 2022: इस साल क्या है खास

अनेक समस्याओं को और चुनौतियों को दरकिनार करते हुए हमारा महान देश भारत वर्ष 2022 में 26 जनवरी को अपना 73वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। यह किसी अचरज से कम नहीं कि जिस प्रकार हमने अनेक चुनौतियों को पीछे छोड़ते हुए अपने गणतंत्र की रक्षा की है और दुनिया में अच्छी ऊंचाइयां प्राप्त की है। प्रत्येक भारतीय के लिए यह एक गौरव प्रदान करने वाला पल है, जब हमें अपने देश अपनी नीतियों और अपनी सेना पर भी गर्व महसूस होता है क्योंकि उनके कारण ही हम आज अपने घरों में सुरक्षित जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इस बार गणतंत्र दिवस 2022 में कुछ विशेष बातें भी होंगी। आइए एक नजर डालते हैं कि ऐसा क्या खास होगा इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में:

75 वर्षों में पहली बार ऐसा होगा कि जब गणतंत्र दिवस की परेड आधे घंटे की देरी से शुरू होगी। इसके पीछे भी एक बहुत बड़ी वजह है जिसकी वजह से इस कार्यक्रम को आधे घंटे की देरी से शुरू किया जाएगा। दरअसल जैसा कि आप जानते हैं कि हमारा देश भी विश्व के अन्य देशों की भांति कोरोना वायरस की चपेट में है और सरकार और जनता इस खतरनाक वायरस से लगातार लड़ते हुए आगे बढ़ रहे हैं। इसी क्रम में कोरोना प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा और हमारे माननीय  प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी गणतंत्र दिवस के समारोह के शुरू होने से पूर्व जम्मू कश्मीर में अपने प्राणों का बलिदान करने वाले सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। उसके बाद ही गणतंत्र दिवस 2022 का समारोह प्रारंभ होगा। इस बार भी यह परेड भरपूर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच होगी और लगभग तीन सौ सीसीटीवी कैमरों की मदद से चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जाएगी जिससे किसी भी प्रकार की असामाजिक गतिविधि से बचा जा सके। आपको यह भी बता देते हैं कि गणतंत्र दिवस समारोह में जो परेड आयोजित की जाती है, वह लगभग 90 मिनट की अवधि की होगी। यह परेड प्रत्येक वर्ष 26 जनवरी को प्रातःकाल 10:00 बजे राजपथ से शुरू हो जाती है लेकिन इस बार यह परेड 10 बजे की बजाय 10:30 बजे शुरू होगी। 26 जनवरी 2022 की परेड लगभग 8 किलोमीटर लंबी होगी जो कि रायसीना हिल से शुरू होगी। यहां से शुरू होकर यह राजपथ और इंडिया गेट से गुजरते हुए लाल किले पर जाकर समाप्त होगी। 

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26 जनवरी 2022 की परेड की शुरुआत करने से पहले देश के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा इंडिया गेट पर जाकर अमर जवान ज्योति और उसके बाद राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण किया जाएगा और शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। वर्ष 2021 में लगभग 25000 व्यक्तियों को इसमें सम्मिलित होने का मौका दिया गया था और इस बार भी लगभग इतने ही लोगों को सम्मिलित होने का मौका मिलेगा। साथ ही जो लोग इस में सम्मिलित होना चाहते हैं, उन्हें कोविड-19 सुरक्षा मानकों का पूरी तरीके से पालन करना पड़ेगा। पिछले कुछ समय से हमारे देश में सैन्य क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता अर्जित की है और अब भारत की स्थिति ऐसी है कि हम विदेशों से कम सामान खरीदते हैं बल्कि विदेशों को अपना सामान बेचने की स्थिति में आ चुके हैं। इस बार जो विमानों द्वारा फ्लाई पास्ट किया जाएगा, वह लगभग 75 विमानों के द्वारा किया जाएगा जो कि बहुत ही भव्य और शानदार रहने की संभावना है। यह वहां उपस्थित दर्शकों के साथ-साथ आम जनमानस के लिए भी अत्यंत गर्व की अनुभूति का समय होगा। जब हम अपनी सेना और सेना के जवानों को करतब करते हुए देखेंगे तो हमारा दिल भी रोमांच से भर उठेगा। आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने  के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव भी मनाया जा रहा है और इसी कारण इस बार का फ्लाईपास्ट सबसे बड़ा और भव्य होने की संभावना है। इसमें भारतीय वायु सेना, भारतीय थल सेना और भारतीय नौसेना के लगभग 75 विमान गणतंत्र दिवस परेड में अपनी कलाएं दिखाएंगे। इस बार की परेड में जो जो मुख्य विमान सम्मिलित हैं, उनमें राफेल के साथ-साथ भारतीय नौसेना का मिग-29 पी8आई निगरानी विमान और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान शामिल हैं। इसके साथ ही इस परेड में अनेक झांकियां शामिल होंगी, जिनमें भारतीय वायुसेना की झांकी भी सम्मिलित होगी जिसमें हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, राफेल और अन्य युद्धक विमान और अश्लेषा एमके1 रडार जैसी विशेष आयुध सम्मिलित होंगे। 

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इसके अतिरिक्त एक अन्य विशेष बात भी इस बार के गणतंत्र दिवस के साथ होगी कि जिस प्रकार हमारे देश में हर वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर विदेशी  राष्ट्रों के राष्ट्राध्यक्षों को निमंत्रित किया जाता है और किसी विशेष अतिथि के तौर पर उन्हें हमारे देश में परेड देखने के लिए निमंत्रित किया जाता है, ऐसा इस बार नहीं किया जाएगा अर्थात संभव है कि इस बार कोई भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष निमंत्रित ना किया जाए।   

ज्योतिषीय दृष्टि से भारत 2022 

वैदिक ज्योतिष के आधार पर वर्ष 2022 में गणतंत्र भारत के लिए जो भविष्यवाणियां की गई हैं वे भारतवर्ष के राजनीतिक, वित्तीय, धार्मिक और सांस्कृतिक परिदृश्यों के बारे में बहुत कुछ बताती हैं। आइये पढ़ते हैं कि सितारों की चाल और ग्रहों की स्थिति देश की राजनीतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक परिदृश्य को कैसे प्रभावित करती है। इस भविष्यवाणी को अच्छी तरह से समझने के लिए स्वतंत्र भारत की कुंडली नीचे दी गई है:

(स्वतंत्र भारत की कुंडली) 

स्वतंत्र भारत की कुंडली पर ध्यान दें तो यह वृषभ लग्न की कुंडली है, जिसके लग्नेश शुक्र महाराज कुंडली के तीसरे भाव में बुध सूर्य चंद्रमा और शनि के साथ स्थित हैं तथा लग्न में राहु महाराज विराजमान हैं। बृहस्पति महाराज छठे भाव में विराजमान हैं जोकि अष्टम और एकादश भाव के स्वामी हैं तथा इस कुंडली के लिए योगकारक ग्रह शनि है क्योंकि वह त्रिकोण भाव नवम और केंद्र भाव दशम के स्वामी हैं तथा कुंडली के तीसरे भाव में विराजमान हैं। 

वर्ष 2022 की शुरुआत में सर्वाधिक शुभ ग्रह माने जाने वाले देव गुरु बृहस्पति लग्न भाव से दशम भाव और चंद्र राशि से अष्टम भाव में गोचर कर रहे हैं जो कि अप्रैल के महीने में एकादश भाव में गोचर करेंगे। 

योगकारक ग्रह शनि महाराज वर्ष की शुरुआत में लग्न भाव से नवम भाव में गोचर कर रहे हैं जो कि अप्रैल के महीने में दशम भाव में जाएंगे और कुछ समय बाद पुनः नवम भाव में लौट आएँगे। यह चंद्र राशि से सप्तम और अष्टम भाव में होगा। 

जहां तक राहु महाराज का प्रश्न है, वह वर्ष की शुरुआत में लग्न भाव में ही विराजमान है लेकिन अप्रैल 2022 के बीच में वह लग्न से द्वादश भाव और चंद्र राशि से दशम भाव में गोचर करेंगे। 

इसी दौरान दिसंबर 2022 के मध्य तक चंद्रमा की महादशा में बुध की अंतर्दशा का प्रभाव रहेगा। चंद्रमा कुंडली के तीसरे भाव के स्वामी होकर तीसरे भाव में विराजमान हैं जबकि बुध महाराज कुंडली के लिए द्वितीय और पंचमेश होकर कुंडली के तीसरे भाव में स्थित हैं। 

आइये जानते हैं कि कुंडली और वर्तमान ग्रहों की स्थिति भारत के भविष्य को कैसे जोड़ती है:

2022 में भारत का राजनीतिक परिदृश्य

वर्ष 2022 भारत में राजनीतिक परिदृश्य के रूप में काफी उथल-पुथल से भरा रहने वाला साल साबित होने वाला है। वर्ष 2022 की शुरुआत में ही फरवरी से मार्च के दौरान भारत के कई प्रमुख राज्यों में चुनाव हैं, जिनमें उत्तर प्रदेश, पंजाब, मणिपुर और गोवा जैसे राज्य शामिल हैं। इस प्रकार वर्ष की शुरुआत से ही चुनावी बिगुल के बन जाने से राजनीतिक परिदृश्य में हलचल का वातावरण है और केवल देश ही नहीं अपितु विदेश के अनेक बड़े राष्ट्र अभी भारत के इन चुनावों पर नजर गड़ाए बैठे हैं क्योंकि जहां कुछ लोग इसको वर्तमान केंद्र सरकार की सफलता और असफलता से जोड़कर देख रहे हैं तो वहीं कुछ विरोधी देशों की नजरें भी इन चुनावों पर टिकी हुई हैं। 

शनि देव, बृहस्पति और राहु के गोचर बड़े महत्वपूर्ण गोचर होते हैं जो कि इस वर्ष दिखाई देंगे इसलिए कहा जा सकता है कि अप्रैल से जुलाई 2022 के बीच का समय काफी ज्यादा उठापटक वाला समय रहेगा। इस दौरान राजनीतिक चुनौतियां भी नजर आएंगी और विश्व पटल पर भी भारत को कुछ चुनौतियां नजर आ सकती हैं लेकिन जैसे ही जुलाई का समय व्यतीत होगा, उसके बाद भारत फिर से एक बार अपनी अच्छी स्थिति में मजबूती के साथ बैठकर खड़ा होगा और राजनीतिक तौर पर भी सत्ताधारी दल मजबूत स्थिति में दिखाई देगा। 

अप्रैल से जुलाई 2022 के बीच में सत्ताधारी लोगों के लिए भी चुनौतीपूर्ण रहेगा क्योंकि कुछ बड़े नाम आपस में टकराते हुए नजर आ सकते हैं लेकिन अगस्त 2022 के बाद से यह चुनौतियां कम हो जाएंगी और सरकार मजबूत स्थिति में नजर आएगी। कुछ सहयोगी दल विरोध की मुद्रा में आएंगे लेकिन सरकार अपनी मजबूत स्थिति से कुछ को बाहर का रास्ता दिखा देगी और कुछ के साथ तालमेल बना पाने में कामयाब नजर आएगी। 

वर्ष के मध्य में शनि और बृहस्पति के वक्री होने से राजनीतिक हलके में कुछ बड़े न्यायपालिका के आदेश आ सकते हैं जो कि कई मामलों में देश में एक नजीर बनेंगे। यह समय देश में न्यायिक रूप से भी मजबूत नजर आएगा और राजनीतिक रूप से कई ऐसी घोषणाओं की शुरुआत होगी, जो मध्यवर्ग और निम्न मध्यवर्ग के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी। 

2022 में भारतीय अर्थव्यवस्था

यदि अर्थव्यवस्था की बात करें तो विश्व के अनेक मजबूत देश भी इस समय कोरोना वायरस जैसी महामारी से जूझ रहे हैं और अर्थव्यवस्था में डांवाडोल स्थिति का सामना कर रहे हैं और भारत भी इससे अछूता नहीं है लेकिन पिछले कुछ समय से भारत की आर्थिक विकास दर में कुछ बढ़ोतरी हुई है, जो इस समय में कुछ गिरावट दर्ज करेगी और जनवरी से लेकर जुलाई 2022 का समय अर्थात वर्ष 2022 का पूर्वार्ध थोड़ा कमजोर रह सकता है लेकिन निराश होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि अगस्त 2022 के बाद का समय ज्यादा उपयुक्त रहेगा और वर्ष का उत्तरार्ध ज्यादा मजबूत आर्थिक स्थिति प्रदान करने वाला साबित होगा। 

शेयर मार्केट को आप ऐतिहासिक स्तर की ऊंचाइयों छूता हुआ प्राप्त करेंगे। इस वर्ष मुख्य रूप से आयल, गैस, खनिज, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और फाइनेंशियल सेक्टर के शेयरों में काफी तेजी देखने को मिलेगी और पिछले वर्ष के मुकाबले और भी अधिक लोग शेयर मार्केट में हाथ आजमाते हुए नजर आएँगे। 

इस बार का बजट पिछली बार के बजट से बड़ा हो सकता है, जिसमें निम्न वर्ग और निम्न मध्यवर्ग का काफी ध्यान रखते हुए कुछ बड़ी घोषणाएं और कर में छूट का प्रावधान किया जा सकता है। किसानों को लेकर भी कोई बड़ी घोषणा हो सकती है। हालांकि रक्षा बजट में  बढ़ोतरी होने की प्रबल संभावना है। यदि संक्षेप में कहें तो यह संभव है कि इस बार का बजट सेना, रक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और निम्न तथा मध्य वर्ग को ध्यान में रखते हुए सामने आए। 

2022 में भारत और धर्म 

चंद्र राशि से बृहस्पति का गोचर अष्टम भाव में हो रहा है और वर्ष के मध्य में शनि का गोचर भी चंद्र राशि से अष्टम भाव में ही होगा। यह ग्रह स्थिति देश में धार्मिक रूप से मजबूत स्थिति को दिखाती है। धर्म के नाम पर काफी ज्यादा बातें होंगी और अनेक लोगों द्वारा इस दिशा में कुछ सराहनीय प्रयास भी किए जाएंगे। हालांकि कुछ लोग धर्म की आड़ में अपना मतलब सीधा करने की कोशिश भी करते नजर आएंगे लेकिन फिर भी लोगों में धार्मिकता बढ़ेगी और धर्म संबंधी विशेष स्थानों की सुरक्षा बढ़ाने पर भी ध्यान देना पड़ेगा।  

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गणतंत्र दिवस 2022 समारोह

26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू होते ही भारत एक गणतंत्र बन गया और तब से प्रतिवर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाने की परंपरा चल पड़ी है। यह भारत में एक राजपत्रित अवकाश है और राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2022 में आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में भी गणतंत्र दिवस समारोह प्रभावित दिखाई देगा क्योंकि हमारी आजादी के 75 वर्ष हो चुके हैं, जो अनेक रणबांकुरों के जीवन के  बलिदान के बाद अंग्रेजों  से हमें प्राप्त हुई है। 

भारत में गणतंत्र दिवस एक अत्यंत सम्मानजनक त्यौहार है और प्रत्येक भारतवासी पूरे जोश और आत्माभिमान के साथ इसे मनाता है। गणतंत्र दिवस पर परेड निकाली जाती है, जिसमें विभिन्न राज्यों और मंत्रालयों की झांकियां भी होती हैं, जो देश में हो रहे विकास कार्यों को दर्शाती हैं। यह परेड रक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित होती है। 

इसमें विभिन्न सेनाएं, जिनमें कि भारतीय वायु सेना, भारतीय थल सेना और भारतीय नौसेना के अतिरिक्त अन्य अर्धसैनिक बल, पुलिस और एनसीसी कैडेट भी शामिल होते हैं तथा स्कूल के विद्यार्थी भी इस परेड में सम्मिलित होते हैं और अनेक प्रकार की आकर्षक झांकियां भी लोगों के मनोरंजन के साथ-साथ उन्हें रोमांच और ज्ञान प्रदान करने का काम करती हैं। इस परेड के दौरान अर्थात गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान अनेक प्रकार के युद्धक विमान और आयुध देखने का मौका भी मिलता है, जो प्रत्येक देशवासी का सीना गर्व से चौड़ा कर देता है। 

यह प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला एक ऐसा त्यौहार है, जो हमें हमारे भारतीय होने पर गर्व महसूस कराता है। एस्ट्रोसेज की तरफ से आप सभी को गणतंत्र दिवस 2022 की बहुत बहुत शुभकामनाएँ!

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हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा। ऐसे ही और भी लेख के लिए बने रहिए एस्ट्रोसेज के साथ। धन्यवाद !

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