शारदीय नवरात्रि 2025 का छठा दिन: मां कात्यायनी की पूजा से मिलेगा मनचाहा वर!
शारदीय नवरात्रि 2025 का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। मां कात्यायनी का पूजन विशेष रूप से विवाह योग्य कन्याओं के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि मां की सच्चे मन से आराधना करने पर विवाह में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं और मनचाहा जीवनसाथी प्राप्त होता है।
नवरात्रि की इस तिथि को किए गए उपाय और साधना जल्द विवाह, दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि और जीवन की कठिनाइयों को समाप्त करने में मदद करते हैं।
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मां कात्यायनी को साहस, बल और सौंदर्य की देवी कहा जाता है। इन्हें सिंहवाहिनी और चार भुजाधारी रूप में पूजित किया जाता है, जो भी भक्त श्रद्धा और भक्ति भाव से मां की पूजा करता है, उसके जीवन से नकारात्मकता दूर होकर सफलता और आनंद के द्वार खुल जाते हैं। इसलिए नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की उपासना का महत्व और भी बढ़ जाता है।
तो चलिए बिना देरी किए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं शारदीय नवरात्रि 2025 का छठा दिन मां कात्यायनी की पूजा विधि, महत्व, कथा आदि के बारे में।
नवरात्रि 2025 का छठा दिन
वर्ष 2025 में नवरात्रि की छठे दिन की शुरुआत 27 सितंबर 2025 शनिवार को रही है। इस दिन माता के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाएगी। इसके अलावा, अभिजीत मुहूर्त की बात करें तो इस दिन का कोई भी अभिजीत मुहूर्त नहीं है।
नवरात्रि 2025 का छठा दिन: मां कात्यायनी का स्वरूप
मां दुर्गा का छठा स्वरूप कात्यायनी देवी कहलाता है। इनका रूप अत्यंत तेजस्वी और दिव्य है। मां सिंह पर विराजमान रहती हैं, इसलिए इन्हें सिंहवाहिनी कहा जाता है। इनके चार भुजाएं हैं, एक हाथ में कमल पुष्प है, जो शांति और सौंदर्य का प्रतीक है, दूसरा हाथ भक्तों को अभय वरदान देता है, जिससे उनके जीवन में भय और नकारात्मकता दूर होती है। तीसरे हाथ में मां खड्ग (तलवार) धारण किए रहती हैं, जो अन्याय और अधर्म का संहार करने की शक्ति का प्रतीक है।
चौथा हाथ वर मुद्रा में रहता है, जो अपने भक्तों की मनोकामनाओं को पूर्ण करने का संकेत देता है। मां कात्यायनी का रंग स्वर्णिम आभा लिए हुए उज्जवल और चमकीला है। उनके स्वरूप में एक सौंदर्य, कोमलता और करुणा झलकती है, तो दूसरी ओर अपार शक्ति और शौर्य का आभास होता है। इन्हें विशेष रूप से विवाह योग्य कन्याओं की आराध्य देवी माना गया है, क्योंकि मां की उपासना से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होकर शीघ्र विवाह का मार्ग प्रशस्त होता है।
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नवरात्रि 2025 का छठा दिन: पूजन विधि
सबसे पहले प्रातःकाल स्नान कर लें। घर व पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें।
स्वयं शुद्ध होकर साफ वस्त्र विशेषकर पीले या गुलाबी पहनें।
पूजा स्थान पर माता कात्यायनी की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें और गंगाजल छिड़ककर स्थल को पवित्र करें।
दीप जलाकर माता का ध्यान करें। संकल्प लें कि पूरे दिन व्रत व भक्ति से माता की पूजा करेंगे।
पीले या लाल कपड़े पर प्रतिमा रखें। पास में जल से भरा कलश रखकर उस पर आम के पत्ते और नारियल रखें।
धूप, दीप, अक्षत, रोली, पुष्प, फल, मिठाई और शहद चढ़ाएं। मां कात्यायनी का प्रिय भोग शहद है, अत अवश्य अर्पित करें।
“ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें। चाहें तो सप्तशती पाठ भी करें।
आखिरी में मां की आरती करें और विवाह, सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। परिवार के कल्याण और संतान-सुख के लिए भी मां से आशीर्वाद मांगें।
नवरात्रि 2025 का छठा दिन: कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में पृथ्वी पर असुरों का अत्याचार बढ़ गया था। विशेषकर महिषासुर नाम का असुर इतना शक्तिशाली हो गया था कि देवता भी उससे परेशान हो गए। उसने देवताओं को हराकर स्वर्गलोक पर कब्जा कर लिया और चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई।
तब सभी देवता भगवान विष्णु, शिव और ब्रह्मा जी के पास पहुंचे और महिषासुर से मुक्ति का उपाय पूछा। देवताओं की विनती सुनकर त्रिदेवों ने अपनी अपनी शक्ति का एक अंश निकाला और देवी के रूप में एक अद्भुत तेजोमयी नारी का निर्माण हुआ।
वह देवी कात्यायन ऋषि के घर प्रकट हुईं, इसलिए उनका नाम कात्यायनी पड़ा। कात्यायनी देवी का स्वरूप अति भव्य और दिव्य था। उनका रंग सुनहरा था, चार भुजाएं थीं, एक हाथ में तलवार, दूसरे में कमल पुष्प, तीसरे हाथ में वर मुद्रा और चौथे में अभय मुद्रा थी।
वे सिंह पर सवार रहती थी। कहानी के अनुसार, मां कात्यायनी ने ही महिषासुर का वध किया और देवताओं को उसके आतंक से मुक्त कराया। इसलिए इन्हें महिषासुर मर्दिनी भी कहा जाता है।
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मां कात्यायनी पूजा मंत्र, भोग और शुभ रंग
मुख्य मंत्र
ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
ध्यान मंत्र
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्यान्महायोगिन्यशस्विनी॥
इस मंत्र का जाप करने से विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं और मन को शांति मिलती है।
प्रिय भोग
मां कात्यायनी को शहद (मधु) का भोग लगाना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि शहद का भोग चढ़ाने से साधक को आकर्षण शक्ति और मनचाहा वर प्राप्त होता है। इसके साथ ही फल, हलवा, पूड़ी और खीर भी अर्पित की जाती है।
शुभ रंग
शारदीय नवरात्रि 2025 के छठे दिन का शुभ रंग गुलाबी होता है। गुलाबी रंग प्रेम, कोमलता और सौभाग्य का प्रतीक है। इस दिन गुलाबी वस्त्र पहनकर मां की पूजा करने से वैवाहिक सुख और प्रेम की प्राप्ति होती है।
नवरात्रि 2025 का छठा दिन: शत्रुओं से मुक्ति पाने के राशि अनुसार उपाय
मेष राशि
इस दिन गुलाबी फूल लेकर मां कात्यायनी को अर्पित करें। साथ ही, “ॐ देवी कात्यायन्यै नमः” मंत्र का 11 बार जाप करें। ऐसा करने से विवाह में आ रही अड़चनें जल्दी दूर होंगी।
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वृषभ राशि
मां कात्यायनी को दूध और शहद से बनी खीर का भोग लगाएं। पूजा के बाद खीर कन्याओं को बांटे। इससे दांपत्य जीवन सुखमय होता है और अच्छे रिश्ते आते हैं।
मिथुन राशि
मां को हरी चूड़ियां और हरा कपड़ा अर्पित करें। साथ ही, कात्यायनी महामाये…” मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से विवाह में तेजी आएगी और मनपसंद जीवनसाथी मिलेगा।
कर्क राशि
मां कात्यायनी को सफेद पुष्प और मोती का दान करें। पूजा के समय दीपक में देशी घी जलाएं। ऐसा करने से दांपत्य जीवन में प्रेम और स्थिरता आती है।
सिंह राशि
मां को लाल पुष्प और सिंदूर अर्पित करें। प्रतिज्ञा लें कि झूठ नहीं बोलेंगे। विवाह में देरी की समस्या खत्म होती है और योग्य वर-वधु मिलता है।
कन्या राशि
मां कात्यायनी को हरी मूंग की दाल से बने पकवान का भोग लगाएं। पूजा के बाद गरीब कन्याओं को खिलाएं। ऐसा करने से विवाह के योग प्रबल होते हैं और परिवार की तरफ से आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
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तुला राशि
मां को गुलाबी रंग के वस्त्र और गुलाब का फूल चढ़ाएं। 108 बार ॐ कात्यायनी नमः का जाप करें। ऐसा करने से प्रेम विवाह में सफलता मिलती है।
वृश्चिक राशि
मां को लाल कपड़े और अनार का भोग लगाएं। पूजा के बाद कन्याओं को अनार दें। ऐसा करने से विवाह में होने वाली अनबन और देरी दूर होती है।
धनु राशि
मां कात्यायनी को पीले फूल और हल्दी अर्पित करें। ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कात्यायनी स्वाहा मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से अच्छे रिश्ते जल्दी आने लगते हैं।
मकर राशि
मां सफेद वस्त्र और चावल का भोग लगाएं। पूजा के बाद पक्षियों को दाना डालें। ऐसा करने से शादी में आ रही बाधाएं समाप्त होती हैं और स्थिर विवाह होता है।
कुंभ राशि
मां को नील पुष्प और गुड़ का भोग लगाएं। ऐसा करने ॐ देवी कात्यायन्यै नमः का जाप करें। विवाह संबंधी रुकावटें दूर होकर मनपसंद जीवनसाथी मिलने की संभावना बढ़ती है।
मीन राशि
मां कात्यायनी को केसर और पीली मिठाई अर्पित करें। पूजा के बाद माता-पिता का आशीर्वाद लें। ऐसा करने से, विवाह में आ रही ग्रह बाधाएं दूर होती हैं और सुखद वैवाहिक जीवन प्राप्त होता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। हालांकि, विवाह में रुकावट हो तो शुक्रवार के दिन भी उनकी साधना की जा सकती है।
मां कात्यायनी को गुलाबी और लाल रंग बहुत प्रिय है। इसलिए इस दिन गुलाबी या लाल रंग पहनना और इन रंगों के फूल अर्पित करना शुभ माना जाता है।
दूध से बनी खीर, शहद, गुड़, लाल/पीली मिठाई और फल अर्पित करना शुभ माना गया है।
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