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सूर्य के वृश्चिक राशि में प्रवेश से, इन राशियों पर टूट सकता है मुसीबत का पहाड़!

एस्ट्रोसेज का यह ख़ास ब्लॉग हमारे पाठकों के लिए तैयार किया गया है जिसके माध्यम से आपको सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त होगी। ग्रहों के राजा के नाम से प्रसिद्ध सूर्य महाराज 16 नवंबर 2024 की सुबह 07 बजकर 16 मिनट पर वृश्चिक राशि में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसे में, सूर्य के इस गोचर का प्रभाव राशि चक्र की सभी 12 राशियों पर दिखाई देगा। इस दौरान कुछ राशियों को सकारात्मक परिणाम मिलेंगे जबकि कुछ राशियों को नकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे। साथ ही, आपको रूबरू करवाएंगे कि सूर्य का वृश्चिक में प्रवेश राशियों समेत देश-दुनिया को किस तरह प्रभावित करेगा। 

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ज्योतिष के अनुसार, सूर्य ग्रह व्यक्ति के जीवन में अहंकार, साहस और व्यक्तित्व का प्रतिनिधित्व करता है। साथ ही, यह जागरूकता, स्वयं की अभिव्यक्ति और जीवन में मिलने वाली संतुष्टि से भी संबंधित है। प्रत्येक व्यक्ति की जन्म कुंडली में सूर्य ग्रह को सबसे महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। किसी की कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति व्यक्ति में पाए जाने वाले गुणों को दर्शाती है। इस ब्लॉग में हम आपको सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर से मिलने वाले शुभ-अशुभ परिणामों के बारे में चर्चा करेंगे। 

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वृश्चिक राशि में सूर्य: विशेषताएं 

वृश्चिक राशि जल तत्व की राशि है और इसके स्वामी ग्रह मंगल हैं जिनका संबंध महत्वाकांक्षाओं और जुनून से है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य और मंगल को एक-दूसरे का मित्र ग्रह माना गया है और यह दोनों ही उग्र और साहसी ग्रह हैं। हालांकि, हमें इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि राशि चक्र में वृश्चिक राशि आठवें स्थान पर आती है जो कि मृत्यु और अचानक से होने वाली घटनाओं से जुड़ी है। ऐसे जातक जिनकी कुंडली में सूर्य वृश्चिक राशि में मौजूद होता है, वह बेहद भावुक होते हैं और अपने अंदर गहरे राज़ छुपाकर रखते हैं। 

इन लोगों का जीवन निराशा और हताशा से भरा हो सकता है और इनमें झूठ बोलने की आदत देखने को मिलती है। साथ ही, यह अपने वैवाहिक जीवन से नाख़ुश होते हैं। ऐसे जातकों को बहस और मतभेद करना बेहद पसंद होता है। सिर्फ इतना ही नहीं, इनके जीवन में माता-पिता के प्रेम का भी अभाव होता है। लेकिन, फिर भी इनमें आत्म-सम्मान कूट-कूट कर भरा होता है और यह अपने धन का प्रबंधन बहुत सावधानीपूर्वक करते हैं और काफ़ी सोच-समझकर धन खर्च करते हैं। इन लोगों का जीवन मुश्किलों में बीतता है, लेकिन फिर भी जीवन में सफलता पाने के लिए आत्म-प्रेरित रहते हैं। वहीं, इन जातकों को आग और हथियार से सावधान रहना चाहिए। 

सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर: विश्व पर प्रभाव

सरकार और राजनीति

सूर्य गोचर के दौरान दुनिया भर के राजनेताओं और सरकार से जुड़े संगठनों को लाभ की प्राप्ति होगी। इस अवधि में भारतीय सरकार की नीतियां जनता को प्रभावित करने का काम करेंगी और इनके द्वारा लिए गए फैसलों को जनता सकारात्मक रूप से स्वीकार करेगी क्योंकि सूर्य वृश्चिक राशि में मौजूद होंगे जो कि तर्क और विश्लेषण की राशि है। हमारे देश के संबंध पड़ोसी देशों के साथ मज़बूत होंगे और विदेशी देश भी भारत के सहयोगी बनेंगे।सरकार कुछ ठोस कदम उठाते हुए दिखाई देगी और बड़े पदों पर बैठे अधिकारी विपक्षियों या दूसरे देशों से उत्पन्न होने वाले खतरों से देश की सुरक्षा करने के लिए निर्णायक फैसले ले सकती हैं।हमारे देश के नेता बुद्धिमानी और दृढ़ता के साथ काम करते हुए नज़र आएंगे। सूर्य के इस गोचर के दौरान सेक्रेटेरिएट पद पर काम करने वाले लोगों को फायदा होगा। 

रिसर्च और डेवलपमेंट

कालपुरुष कुंडली में वृश्चिक राशि के अंतर्गत आठवां भाव आता है। ऐसे में, रिसर्च, विकास और तकनीक से जुड़े क्षेत्र रफ़्तार पकड़ेंगे। साथ ही, एआई जैसी तकनीक बुलंदियां हासिल कर सकती हैं। रिसर्चर, वैज्ञानिक या फिर जो इन क्षेत्रों में करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह अवधि लाभदायी साबित होगी। सूर्य गोचर के दौरान आईटी सेक्टर शानदार प्रदर्शन करेंगे और ऐसे में, लोगों को सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी। 

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सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर: शेयर बाजार रिपोर्ट

अगर हम बात करें शेयर बाजार की तो, सूर्य देव को एक महत्वपूर्ण ग्रह माना जाता है। अब यह 16 नवंबर 2024 को तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश कर रहे हैं और ऐसे में, शेयर मार्केट में उतार-चढ़ाव आने की प्रबल संभावना है। एस्ट्रोसेज ने अपने पाठकों को ध्यान में रखते हुए शेयर बाज़ार भविष्यवाणी तैयार की है जिसकी मदद से आप शेयर मार्केट का विस्तृत हाल जान सकते हैं। चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं कि सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर शेयर बाजार को कैसे प्रभावित करेगा।

शेयर बाजार भविष्यवाणी कहती है कि बाजार में तेज़ी धीरे-धीरे करके कम होने लगेगी और मंदी आने लगेगी। दोतरफा रुझान से आपको ऐसा महसूस हो सकता है जैसे कि शेयर बाजार में गिरावट आ रही है और ऐसे में, मांग में कमी आएगी, तो वहीं बिक्री बढ़ने की संभावना है।शेयर बाजार का यह हाल 16 नवंबर 2024 तक जारी रहने की आशंका है। इस दौरान कुछ लोग कम कीमत पर शेयर खरीदकर अच्छा ख़ासा लाभ कमाते हुए दिखाई दे सकते हैं।ट्रेड से संबंधित लोगों की रुचि पब्लिक सेक्टर, स्टील, शिपिंग, ऑटोमोबाइल, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और  टेक्नोलॉजी आदि क्षेत्रों में निवेश करने में होगी। 

सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे शुभ परिणाम

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य महाराज आपके तीसरे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। छठे भाव का मुख्य काम किसी भी तरह के जोखिम को दूर करना और व्यक्ति की सुरक्षा को सुनिश्चित करना होता है। ऐसे में, सूर्य की छठे भाव में मौजूदगी की वजह से मिथुन राशि के जातक सावधानी बरतते हुए आगे बढ़ेंगे। यह लोग अपने स्वास्थ्य का पूरा-पूरा ख्याल रखेंगे इसलिए इन्हें किसी भी तरह की गंभीर स्वास्थ्य समस्या परेशान नहीं करेगी।

छठे भाव में उपस्थित सूर्य महाराज रास्ता साफ़ करने, समस्याओं का समाधान करने, विरोधियों का साथ मिलने और क़ानूनी विवाद से बचने आदि का प्रतिनिधित्व करते हैं। कुंडली में सूर्य देव को अन्य ग्रहों का साथ मिलने पर जातक प्रतियोगी परीक्षाओं में कामयाब होने या सरकारी नौकरी में सफलता पाने में सक्षम होता हैं। लेकिन, अगर छठे भाव में सूर्य देव कमज़ोर स्थिति में होते हैं, तो जातक को फ्रैक्चर, तलाक आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हालांकि, कुंडली के छठे भाव में सूर्य ग्रह के उच्च होने पर व्यक्ति को मैनेजर, मार्केटिंग डायरेक्टर या सीईओ आदि पद की प्राप्ति होती है। 

कर्क राशि

कर्क राशि के जातकों की कुंडली में सूर्य देव आपके दूसरे भाव के अधिपति देव हैं जो अब गोचर करके आपके पांचवें भाव में जा रहे हैं। बता दें कि कुंडली में दूसरा भाव धन, परिवार एवं वाणी का होता है जबकि पांचवें भाव का संबंध संतान, शिक्षा और रोमांस से होता है। इस अवधि में आपको शिक्षा के माध्यम से धन की प्राप्ति होगी क्योंकि सूर्य को शिक्षा का प्रतीक माना जाता है और पांचवां भाव धन से जुड़ा है। हालांकि, जब सूर्य महाराज वृश्चिक राशि में मौजूद होते हैं, तब पिता से जुड़े मामलों या पारिवारिक जीवन में सकारात्मक परिणाम देखने को मिलते हैं। वहीं जिन जातकों की कुंडली में सूर्य वृश्चिक राशि में होते हैं, उनकी रुचि अध्यात्म में होती है। 

कर्क राशि के पांचवें भाव में सूर्य के होने से आपको सट्टेबाजी और इससे जुड़े क्षेत्रों में सफलता की प्राप्ति होगी। आपके द्वारा किये गए निवेश से अच्छा-खासा लाभ प्राप्त होगा। इस दौरान जातक खुद को भाग्यशाली समझेंगे और आपको हर कदम पर किस्मत का साथ मिलेगा। 

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सिंह राशि

सिंह राशि वालों के लिए सूर्य ग्रह आपके लग्न/पहले भाव के स्वामी हैं और अब यह वृश्चिक राशि में गोचर करके आपके चौथे भाव में जा रहे हैं जो कि लक्ज़री, सुख-सुविधाओं और भौतिक सुखों का भाव है। ऐसे व्यक्ति जिनकी जन्म कुंडली में सूर्य महाराज चौथे भाव में विराजमान होते हैं, उनका अपने परिवार और समाज से जुड़ाव काफ़ी गहरा होता है। कम उम्र से ही इनका झुकाव लोगों की सेवा में होता है और यह अपनी तरफ से उनकी हर संभव सहायता करने का प्रयास करते हैं। 

ऐसे लोग अपने जीवन को खुलकर जीने में विश्वास रखते हैं। साथ ही, यह स्वभाव से दयालु, और धार्मिक होते हैं। कुंडली में सूर्य की वृश्चिक राशि में उपस्थिति जातक को साहस से पूर्ण और, बुद्धिमान बनाती है। इन लोगों का करियर और आर्थिक जीवन शानदार रहता है। ऐसे जातक  समाज में ख़ूब मान-सम्मान प्राप्त करते हैं। सिंह राशि के चौथे भाव में सूर्य देव के उपस्थित होने से आपको भौतिक सुखों की प्राप्ति होगी और पैतृक संपत्ति के माध्यम से लाभ होगा। 

कन्या राशि

कन्या राशि वालों के लिए सूर्य महाराज आपके बारहवें भाव के स्वामी हैं और अब यह गोचर करके आपके तीसरे भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर आपके दिनचर्या में परिवर्तन लेकर आ सकता है। साथ ही, इस अवधि में आपकी भाई-बहनों से छोटी-मोटी बहस होने की आशंका है।      

कन्या राशि के जातक मौजूदा नौकरी में अपने पद या काम से असंतुष्ट हो सकते हैं  और ऐसे में, आप करियर को आगे ले जाने के मकसद से नौकरी में बदलाव करने का मन बना सकते हैं। जिन जातकों का खुद का व्यापार है, उनसे बिज़नेस में योजनाओं की कमी के कारण कुछ बेहतरीन अवसर हाथ से निकल सकते हैं, लेकिन आपके द्वारा लिए गए समझदारी पूर्ण फसलों की वजह से काफ़ी हद तक सफलता पाने में सक्षम होंगे। हालांकि, इस दौरान की गई छोटी-छोटी यात्राएं आपको लाभ देने के साथ-साथ आपके लक्ष्यों को भी पूरा करेंगी। नौकरी के संबंध में आपके लिए विदेश यात्रा करना फलदायी साबित होगा। ऐसे में, आपका करियर तेज़ रफ़्तार से आगे बढ़ेगा। 

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मकर राशि

मकर राशि वालों के लिए सूर्य देव आपके आठवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इसके फलस्वरूप, आपको अप्रत्याशित रूप से पैतृक संपत्ति या लोन के माध्यम से लाभ की प्राप्ति हो सकती है और ऐसे में, आप जीवन में चल रही परेशानियों से बाहर आ सकेंगे। 

करियर के क्षेत्र में आपको नए अवसर मिल सकते हैं जो आपके लिए सकारात्मक साबित होंगे। एक व्यापारी के रूप में आपको इस अवधि में अच्छे लाभ और सफलता प्राप्त होने के योग बनेंगे। नौकरी में आपको इंसेंटिव मिलने की भी संभावना है और इसके परिणामस्वरूप, धन की बचत भी कर सकेंगे।

सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे नकारत्मक परिणाम 

मेष राशि

मेष राशि वालों के लिए सूर्य देव आपकी कुंडली में पांचवें भाव के अधिपति देव हैं जो अब आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। इस भाव में सूर्य का गोचर आपके जीवन में अचानक से सफलता और असफलता दोनों लेकर आ सकता है। इन लोगों को चोरी, एक्सीडेंट या आग लगने जैसी समस्याएं नुकसान करवा सकती हैं। सूर्य आपके पांचवें भाव के भी स्वामी हैं और इस भाव का संबंध संतान, प्रेम और शिक्षा से होता है और अब यह आपके अचानक से होने वाली घटनाओं, रिसर्च और रहस्य के भाव यानी कि आठवें भाव में जा रहे हैं।

दसवें भाव के कारक ग्रह होने के नाते आठवें भाव में सूर्य महाराज की उपस्थिति को अच्छा नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में, इन लोगों को कार्यक्षेत्र में कुछ समस्याओं या परेशानियों से दो-चार होना पड़ सकता है, लेकिन अंत में जीत आपकी ही होगी क्योंकि सूर्य ग्रह व्यक्ति को इच्छाशक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करते हैं। इस प्रकार, अगर आप एक बार कुछ ठान लेंगे, तो जब तक आप उससे हासिल नहीं कर लेंगे, तब तक मेहनत करते रहेंगे। जैसे कि हम आपको बता चुके हैं कि वृश्चिक राशि आठवें भाव पर शासन करती है इसलिए करियर की रफ़्तार थोड़ी धीमी रह सकती है और आपको प्रगति पाने में समय लग सकता है। हालांकि, अगर आप मेहनत और प्रयास करना जारी रखेंगे, तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी क्योंकि इस भाव में बैठे सूर्य आपका साथ देंगे।

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सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर: प्रभावी उपाय 

प्रतिदिन सूर्य देव को तांबे के बर्तन में जल लेकर उसमें गुड़ मिलाकर सूर्यदेव को अर्घ्य दें। रोज़ाना स्नान के बाद केसर का तिलक करें। हर रोज़ नहाने के पानी में एक चुटकी सिन्दूर डालकर स्नान करें। गरीब लोगों को गेहूं दान करें। प्रतिदिन आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें।सूर्य देव के मंत्र “ॐ सूर्याय नमः” का जाप करें। 

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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. वृश्चिक राशि के स्वामी कौन हैं?

राशि चक्र की आठवीं राशि वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल ग्रह हैं। 

2. मंगल ग्रह की उच्च राशि कौन सी है?

शनि देव की राशि मकर में मंगल महाराज उच्च के होते हैं।

3. सूर्य की नीच राशि कौन सी है?

तुला राशि में सूर्य देव नीच अवस्था में होते हैं। 

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