बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: देश-दुनिया सहित कैसे करेगा आपको प्रभावित? जानें
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: एस्ट्रोसेज एआई का हमेशा से यही प्रयास रहा है कि ज्योतिष की दुनिया में होने वाले हर घटनाक्रम से आप अवगत रहें। ऐसे में, हमारे आज का यह विशेष ब्लॉग आपको बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के बारे में जानकारी प्रदान करेगा जो 24 अक्टूबर 2025 की दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर होने जा रहा है। बुध का यह गोचर संसार, शेयर बाजार सहित राशियों के लिए अच्छे या बुरे किस तरह के परिणाम लेकर आएगा।
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ज्योतिष में बुध ग्रह का संबंध व्यापार, विश्लेषण और सभी तरह की अभिव्यक्ति से है, फिर चाहे वह शब्दों या लिखने के माध्यम से हो। साथ ही, यह उत्सुकता, सीखने, याददाश्त और बदलती हुई परिस्थितियों को तुरंत स्वीकार करने की क्षमता का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा, बुध ग्रह मोलभाव, कूटनीति और नेटवर्क आदि को भी दर्शाते हैं।
कुंडली में मज़बूत बुध आपको तेज़ बुद्धि, गहराई से सोच-विचारने की क्षमता और बहुमुखी प्रतिभा का आशीर्वाद देते हैं। इसके विपरीत, बुध देव की कमज़ोर अवस्था भ्रम, सही तरीके से बात न कर पाना या सही निर्णय न ले पाने जैसी स्थिति आपके जीवन में पैदा करती है।
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: विशेषताएं
बुध देव की वृश्चिक राशि में मौजूदगी एक ऐसे व्यक्ति का प्रतिनिधित्व करती है जो रहस्यमय होगा और उसकी बुद्धि बहुत तेज़ होगी। ऐसा इंसान किसी बात की गहराई में जाकर छानबीन करके वास्तविक कारण जानने में सक्षम होता है। यह स्थिति आपको ऐसी चीज़ों के प्रति आकर्षित कर सकती है जो सामान्य रूप से लोगों को पसंद नहीं आती होगी। जिन जातकों की कुंडली में बुध वृश्चिक राशि में होता है, उस व्यक्ति का झुकाव डरावनी, षड्यंत्र, अपराधी मानसिकता, हत्या के अनसुलझे रहस्य, कामुकता, साइबर अपराध, हैकिंग, भ्रष्टाचार, हिंसा, रक्तपात आदि में हो सकता है।
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इसके अलावा, बुध देव की यह उपस्थिति आपको शोध या रिसर्च करने वाली बुद्धि प्रदान करती है। साथ ही, इस स्थिति के प्रभाव से जातक अपने विचार और मान्यताओं को लेकर कठोर और बेहद सुरक्षात्मक होता है। वृश्चिक राशि में बैठे बुध महाराज आपको बातों को अपने अंदर रखने के लिए मजबूर करते हैं।
बुध देव इस बात को भी दर्शाते हैं कि आप दूसरों के सामने खुद को कैसे व्यक्त करते हैं और अपनी बात कैसे रखते हैं। बुध के वृश्चिक राशि में स्थित होने की वजह से व्यक्ति की भावनाएं और विचार दोनों मन में दबे रह जाते हैं। ऐसे में, अन्य लोगों को जो बाहर से दिखाई देता है, वह वास्तविक स्थिति नहीं होती है।
वृश्चिक राशि में बुध के तहत जन्मे जातक जासूस, आध्यात्मिक, ज्योतिषी, रिसर्चर, वैज्ञानिक और नए-नए अविष्कार करने वाला बनता है। हालांकि, बुध ग्रह के कमज़ोर या पीड़ित अवस्था में होने से जातक हैकर, चोर या फिर मानसिक रोगी बन सकते हैं।
अगर बुध की स्थिति वृश्चिक में नकारात्मक होती है और यह रहस्यमयी होता है या किसी अशुभ या पापी ग्रह बुध की इस स्थिति को प्रभावित करने लगता है, तो हालात बिगड़ने लगते हैं। जब बात आती है स्वास्थ्य की, तो जातक को कोई गुप्त रोग या फिर असामान्य स्थिति का सामना करना पड़ सकता है जिसका असर आपकी वाणी, त्वचा, गले, कान या जीभ आदि अंगों पर पड़ सकता है।
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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों को मिलेंगे सकारात्मक परिणाम
मेष राशि
मेष राशि वालों के लिए बुध ग्रह आपके तीसरे और छठे भाव के स्वामी हैं जो अब आपके आठवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बुध का यह गोचर आपके लिए शुभ रहेगा इसलिए आपको सकारात्मक परिणाम मिलने की संभावना है। जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में बुध देव आपकी सहायता करने का प्रयास करेंगे क्योंकि यह आपके स्वामी ग्रह मंगल की राशि में विराजमान होंगे। बता दें कि बुध का वृश्चिक राशि में गोचर आपको अप्रत्याशित रूप से लाभ प्रदान करने का काम कर सकता है।
हालांकि, इस दौरान आपको कार्यों में समस्याओं से दो-चार होना पड़ सकता है, लेकिन उनमें आपको सफलता मिलने की संभावना प्रबल होगी। साथ ही, बुध देव प्रतियोगी परीक्षाओं में आपको कामयाबी दिला सकते हैं, परंतु फिर भी आपकी राह में समस्याएं बनी रह सकती हैं क्योंकि बुध महाराज आपके आठवें भाव में बैठे होंगे। बता दें कि बुध ग्रह की यह स्थिति परिणामों को आपके पक्ष में करने का पूरा प्रयास करेगी, परंतु इस दौरान सूर्य देव की कमज़ोर अवस्था आपको इस अवधि में मान-सम्मान दिलाने में ज्यादा मददगार साबित नहीं होगी। कुल मिलाकर, बुध का यह गोचर आपको जीवन में सही दिशा में आगे बढ़ने में मार्गदर्शन करेगा, लेकिन फिर भी सब कुछ योजना के अनुसार न होने की आशंका है।
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मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों की कुंडली में बुध महाराज आपके चौथे भाव के स्वामी होने के साथ-साथ आपके राशि के भी स्वामी हैं। अब यह आपके छठे भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि सामान्य रूप से बुध का छठे भाव में गोचर अनुकूल कहा जाता है। इसके परिणामस्वरूप, बुध का वृश्चिक राशि में प्रवेश आपके लिए शुभ परिणाम लेकर आ सकता है। हालांकि, ज्योतिष शास्त्र में बुध का छठे भाव में गोचर स्वास्थ्य को मज़बूत बनाने वाला कहा गया है। लेकिन, फिर भी सेहत को नज़रअंदाज़ करने से आपको बचना होगा क्योंकि बुध देव आपके लग्न भाव के स्वामी के रूप में छठे भाव में प्रवेश करेंगे। जब बुध ग्रह वृचिक राशि में उपस्थित होंगे, तो आपको जीवन के विभिन्न आयामों में ज्यादातर अच्छे परिणामों की प्राप्ति होगी।
इसके अलावा, बुध महाराज पर गुरु ग्रह की दृष्टि पड़ रही होगी जो आपके कर्म भाव के स्वामी हैं और ऐसे में, आप मानसिक रूप से मज़बूत होंगे। साथ ही, आपको कार्यक्षेत्र में सफलता की प्राप्ति होगी और इस अवधि में आप सोच-समझकर फैसले लेने में सक्षम होंगे। इस दौरान बुध देव प्रतियोगी परीक्षाओं में आपका मार्गदर्शन करेंगे जिसके चलते आपके मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी। यदि आपका संबंध आर्ट्स, साहित्य या फिर लेखन से है, तो आपको बहुत शुभ फलों की प्राप्ति होगी। वहीं, जिन जातकों का जुड़ाव वाणी से संबंधित क्षेत्र से हैं, उनकों भी इस समय सफलता प्राप्त होगी।
सिंह राशि
सिंह राशि वालों के लिए बुध महाराज आपकी कुंडली में दूसरे और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो कि धन और लाभ के भाव हैं। ऐसे में, अब इनका गोचर आपके चौथे भाव में होने जा रहा है। इस भाव में बुध महाराज आपके आय और बचत दोनों भावों के स्वामी बन जाते है। ज्योतिष के अनुसार, बुध का चौथे भाव में गोचर आपके लिए भाग्यशाली कहा जाएगा और ऐसे में, आपको इस अवधि में सकारात्मक परिणाम मिल सकते हैं। ग्यारहवें भाव के स्वामी के आपके चौथे भाव में प्रवेश करने से रियल एस्टेट और प्रॉपर्टी से जुड़ा काम करने वाले जातकों को विशेष रूप से लाभ की प्राप्ति होगी।
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान आपके द्वारा किए गए प्रयासों में आपको सफलता प्राप्त होगी क्योंकि ग्यारहवें भाव के स्वामी की दृष्टि करियर के भाव यानी कि दसवें भाव पर होगी। इसके अलावा, जैसे कि धन भाव अर्थात दूसरे भाव के स्वामी आपके चौथे भाव में जा रहे हैं। ऐसे में, आप घर-परिवार और घर से जुड़ी चीज़ों पर ख़र्च कर सकते हैं। लेकिन, आपको अपना पैसा सही चीज़ों पर ख़र्च करने की सलाह दी जाती है। बुध गोचर की यह अवधि आपके लिए अनुकूल रहेगा और परिस्थितियां भी आपके पक्ष में रहेंगी। साथ ही, इस समय किसी के साथ आपकी दोस्ती मज़बूत होगी।
तुला राशि
तुला राशि के जातकों के लिए बुध महाराज नौवें और बारहवें भाव के अधिपति देव हैं जो धन और ख़र्चों का भाव है। वर्तमान समय में बुध वृश्चिक राशि में आपके दूसरे भाव में गोचर करने जा रहे हैं और इस भाव में बुध का गोचर बहुत शुभ माना जाता है। इसके परिणामस्वरूप, आपको अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते हैं। इनकी कृपा से बुध गोचर की अवधि में आप नए आभूषण और कपड़े खरीद सकते हैं। साथ ही, चौथे भाव में बुध की स्थिति आपके संचार कौशल को मज़बूत करने का काम करेगी।
बुध के इस गोचर की अवधि में छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में लाभ की प्राप्ति होगी। अगर आप खाने-पीने के शौक़ीन हैं, तो आपको अपना मनपसंद और स्वादिष्ट पकवान खाने के कई अवसर मिल सकते हैं। साथ ही, इन जातकों को अपने परिवार के सदस्यों के साथ मिलने का मौका मिलेगा जिससे आपका रिश्ता उनके साथ मज़बूत होगा।
मकर राशि
मकर राशि के जातकों के लिए बुध देव आपकी कुंडली में छठे और नौवें भाव के स्वामी हैं और अब यह आपके ग्यारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ज्योतिष के अनुसार, बुध देव का आपके ग्यारहवें भाव में गोचर शुभ और लाभकारी माना जाता है। इसके परिणामस्वरूप, वृश्चिक राशि में बुध की उपस्थिति की वजह से प्रतिस्पर्धा से जुड़े मामलों में लाभ मिलने के योग बनेंगे। इस दौरान आपकी सेहत अच्छी बनी रहेगी जिसके चलते आपका स्वभाव भी खुशमिज़ाज रहेगा। यदि आप लोन अदा करने की कोशिश कर रहे हैं, तो इस समय आपको सफलता प्राप्त होने की प्रबल संभावना है।
इसके अलावा, बुध का वृश्चिक राशि में गोचर धर्म-कर्म या फिर अध्यात्म से जुड़े क्षेत्रों में सकारात्मक परिणाम दे सकता है। करियर और व्यापार के क्षेत्र में लाभ, वेतन में वृद्धि के साथ-साथ रियल एस्टेट के क्षेत्र में तेज़ी देखने को मिल सकती है। दोस्तों और संतान से जुड़े क्षेत्रों में भी आपको शुभ फल प्राप्त होंगे।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के जातकों के लिए बुध ग्रह आपके पांचवें और आठवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। ऐसा माना जाता है कि बुध देव का दसवें भाव में गोचर शुभ परिणाम देता है। साथ ही, इनकी यह स्थिति आपको जीवन में लोकप्रिय बनाने के साथ-साथ मान-सम्मान दिलाने का काम करती है। इस अवधि में आप प्रतिद्वंदियों से बेहतर प्रदर्शन करेंगे और साथ ही, कंपनी के लाभ को बढ़ाने में भी सक्षम होंगे। इस प्रकार, मान-सम्मान और प्रतिष्ठा दिलाने में बुध ग्रह की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है।
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान आपको कार्यक्षेत्र में सफलता और लाभ दोनों की प्राप्ति होगी। इस प्रकार, यह गोचर आपके करियर के लिए अच्छा कहा जाएगा। वहीं, जो जातक संचार कौशल से जुड़े क्षेत्रों में रुचि रखते हैं, उनको विशेष रूप से लाभ प्राप्त होगा क्योंकि आपके पांचवें भाव के स्वामी दसवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। हालांकि, इस अवधि में आपके काम अचानक से पूरे होंगे क्योंकि आपके आठवें भाव के स्वामी दसवें भाव में गोचर कर जाएंगे।
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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: इन राशियों को रहना होगा सावधान
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों की कुंडली में बुध देव आपके दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके सातवें भाव में प्रवेश करने जा रहे हैं। बता दें कि कुंडली का सातवां भाव विवाह, सामाजिक रिश्ते और व्यापार का होता है। इस प्रकार, वृषभ राशि के दूसरे और पांचवें भाव के स्वामी का सातवें भाव में जाना ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है इसलिए इस दौरान आपको अच्छे परिणामों की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।
बुध गोचर के दौरान जो जातक अपने रिश्ते को लेकर समर्पित और वफादार हैं, उन्हें शुभ फल मिलने की संभावना है क्योंकि आपके पांचवें भाव के स्वामी सातवें भाव में जा रहे हैं। हालांकि, प्रेम के ग्रह शुक्र भी नीच अवस्था में होंगे और उसके बाद इस पर मंगल ग्रह का सीधा प्रभाव बुध से मिलने वाले परिणामों को प्रभावित कर सकता है। जब प्रेम जीवन के संबंधों की बात आती है, तो रिस्क लेना ठीक नहीं रहेगा। आर्थिक जीवन में आपको उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है।
कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों की कुंडली में बुध ग्रह आपके तीसरे और बारहवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके पांचवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि बुध का वृश्चिक में गोचर आपके लिए सकारात्मक नहीं कहा जा सकता है। इसके फलस्वरूप, इस अवधि में आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता होगी। हालांकि, शुरुआत में परेशानी झेलने के बाद आपके भाग्य भाव यानी कि नौवें भाव के स्वामी बृहस्पति देव आपको आराम से जीवनयापन करने में सहायता करेंगे क्योंकि यह अपनी राशि में लग्न भाव में होंगे और पांचवें भाव में बैठे बुध पर अपनी दृष्टि डालेंगे।
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर की अवधि में आपको संतान से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, विशेष रूप से छोटे बच्चों को। हालांकि, आप समस्याओं का समाधान ढूंढ सकेंगे। इस गोचर का नकारात्मक असर आपकी दीर्घकालिक योजनाओं पर पड़ सकता है। ऐसे में, आपको आर्थिक जीवन में कोई बड़े बदलाव लेकर आने से बचना होगा, अन्यथा आपको धन से जुड़ी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। साथ ही, आपको बेकार के खर्चों को भी नियंत्रित करना होगा।
कालसर्प दोष रिपोर्ट – काल सर्प योग कैलकुलेटर
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों के लिए बुध महाराज आपके आठवें भाव और ग्यारहवें भाव के स्वामी हैं जो अब आपके लग्न भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि आठवां भाव परिवर्तन और लग्न भाव स्वयं का भाव होता है। ज्योतिष के अनुसार, बुध महाराज का लग्न भाव में गोचर ज्यादा अच्छा नहीं कहा जा सकता है। इसके अलावा, इन जातकों को अपनी सेहत पर बहुत ज्यादा देने की आवश्यकता होगी क्योंकि आठवें भाव के स्वामी लग्न भाव में बैठे होंगे। अगर आप ड्राइव करते हैं, तो आपको गाड़ी सावधानी से चलाने की सलाह दी जाती है। साथ ही, गाड़ी चलाते समय फोन पर बात करने से बचें।
जब बुध देव वृश्चिक राशि में बैठे होते हैं, तो इस दौरान आपको दूसरों की आलोचना करने से बचना होगा और इस तरह के लोगों से दूरी बनाकर रखनी होगी। अगर आप दूसरों का सम्मान करेंगे और सावधानियों का पालन करते हुए आगे बढ़ेंगे, तो आपको सकारात्मक परिणामों की प्राप्ति होगी। दूसरी तरफ, आपको जीवन के कुछ क्षेत्रों में लाभ की प्राप्ति होगी क्योंकि लाभ भाव यानी ग्यारहवें भाव के स्वामी लग्न भाव में जा रहे हैं, इसलिए इस दौरान आपको सतर्क रहना होगा।
धनु राशि
धनु राशि के जातकों के लिए बुध महाराज आपके सातवें और दसवें भाव के स्वामी हैं। अब यह आपके बारहवें भाव में गोचर करने जा रहे हैं। बता दें कि बुध देव की बारहवें भाव में उपस्थिति को शुभ नहीं माना जाता है इसलिए इस दौरान बुध ग्रह से जुड़े क्षेत्रों में सावधानी बरतते हुए आगे बढ़ना होगा। करियर के क्षेत्र में विशेष रूप से आपको किसी भी तरह का जोख़िम लेने से बचना होगा क्योंकि आपके दसवें भाव के स्वामी बारहवें भाव में गोचर कर रहे होंगे, इसलिए आपको अपने वरिष्ठों और सहकर्मियों के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखने का प्रयास करना होगा।
इसके अलावा, आपके सातवें भाव के स्वामी का बारहवें भाव में जाना दर्शाता है कि इन जातकों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि आपका रिश्ता अपने जीवनसाथी के साथ मज़बूत बना रहे, और आपको उनके साथ किसी तरह के उतार-चढ़ाव का सामना न करना पड़ें। धनु राशि के छात्रों को बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान मन लगाकर पढ़ाई करनी होगी। वहीं, अगर आपने किसी प्रतियोगिता में भाग लिया है, तो आपको सावधान रहना होगा। आप इन सावधानियों का पालन करेंगे, तो आप बुध के नकारात्मक प्रभावों से बच सकेंगे।
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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: सरल एवं प्रभावी उपाय
बुध देव से शुभ परिणाम पाने के लिए प्रतिदिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” या “ॐ बुध बुधाय नमः” का जाप करें।
रोज़ाना विष्णु सहस्रनाम या दुर्गा चालीसा का पाठ करें, क्योंकि बुध के इस गोचर के दौरान शुक्र और मंगल दोनों की युति का निर्माण होगा।
छात्रों या जरूरतमंद बच्चों को हरे रंग के कपड़े, मूंग दाल, हरे पत्तेदार सब्जियां या पेन, नोटबुक आदि दान करें।
बुधवार के दिन शिवलिंग पर जल में दूध मिलाकर अर्पित करें।
बुध को मज़बूत करने के लिए गाय को हरा चारा खिलाएं।
व्यर्थ और चतुराई से भरी बातें करने से बचें। साथ ही, ईमानदारी अपनाएं और स्पष्ट संचार कौशल पर ध्यान दें।
जैसे कि वृश्चिक राशि भावनात्मक संतुलन लेकर आती है इसलिए आंतरिक शांति को पाने के लिए मेडिटेशन, प्राणायाम और डायरी लिखने का अभ्यास करें।
बुध गोचर की अवधि में धन से जुड़े लेन-देन में पारदर्शिता बनाए रखें।
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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: वैश्विक स्तर पर प्रभाव
आर्थिक प्रगति, व्यापार और ट्रेड
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान शेयर बाज़ार में विशेष रूप से भारत में अस्थिरता दिखाई दे सकती है क्योंकि इस दौरान घोटाले और छुपे हुए रहस्य सामने आ सकते हैं जिसके चलते व्यापार में गिरावट आ सकती है।
साइबर सिक्योरिटी से जुड़ी एजेंसियां, रिसर्च फर्म और खनन से जुड़े क्षेत्र प्रगति की राह पर आगे बढ़ेंगे क्योंकि दुनिया की नज़रें अब इन क्षेत्रों पर होगी।
इस अवधि के दौरान बड़े बदलाव, टैक्स में सुधार और मल्टीनेशनल कंपनियां दूसरी कंपनियों के साथ मिलकर काम कर सकती हैं।
भू-राजनीति और कूटनीति
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान अनेक देश अपने छिपे हुए एजेंडा पर केंद्रित कर सकते हैं। साथ ही, कई बड़े देशों के बीच वार्ताओं का दौर शुरू हो सकता है।
गुपचुप तरीके से हुए सौदे, गुप्त एजेंडा और महत्वपूर्ण जानकारी दुनिया के सामने आने से कई राष्ट्रों को उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में, एक गलत कदम की वजह से भारत समेत कई देशों को भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
सुरक्षा, वित्त और महत्वपूर्ण क्षेत्रों को लेकर दुनिया के कई बड़े राष्ट्रों के बीच तनाव और संघर्ष की स्थिति पैदा हो सकती है।
विज्ञान और तकनीक
बुध के वृश्चिक राशि में प्रवेश के दौरान कुछ सकारात्मक घटनाएं भी हो सकती हैं। इस दौरान रिसर्च के माध्यम से मेडिसिन, साइबर सुरक्षा और बायोटेक्नोलॉजी में होने वाले आविष्कारों से दुनियाभर को लाभ मिलेगा।
इस समय विभिन्न देशों की सरकारों के बीच गुप्त संबंध, रहस्य और घोटाले उजागर होकर मीडिया के सामने आ सकते हैं और इस वजह से कई प्रसिद्ध हस्तियों का नाम सुर्ख़ियों में आ सकता है।
बुध गोचर के दौरान भूमिगत संसाधनों, वायु और जल प्रदूषण से निपटने के लिए रिसर्च की सहायता से नई-नई तकनीक खोजने की कोशिश की जाएगी।
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बुध का वृश्चिक राशि में गोचर: शेयर बाज़ार
बुध का वृश्चिक राशि में गोचर के दौरान अज्ञात रहस्य, घोटाले और अचानक खुलासे होने की आशंका है, जिससे बाजार में अस्थिरता का दौर शुरू हो सकता है।
इस अवधि में निवेशक सावधानी से निवेश करने का प्रयास करेंगे और कोई भी कदम उठाने से पहले अच्छे से सोच-विचार और रिसर्च करेंगे।
बुध गोचर के दौरान देश में चलने वाली अफवाह बाजार के रुझान को प्रभावित कर सकती है।
इस अवधि में होने वाले नए-नए आविष्कार फार्मास्यूटिकल्स और बायोटेक्नोलॉजी क्षेत्रों के लिए फलदायी साबित होंगे।
दुनियाभर में भूमिगत संसाधनों की वजह से खनन, तेल और प्राकृतिक संसाधन से जुड़े क्षेत्रों में तेज़ी देखने को मिलेगी, जिससे कई उद्योगों को लाभ प्राप्त होगा।
वृश्चिक राशि में बुध के प्रवेश के दौरान साइबर सिक्योरिटी और डाटा एनालिटिक्स का प्रदर्शन शानदार रहेगा क्योंकि बुध संचार कौशल और वृश्चिक राशि रहस्य को नियंत्रित करती है इसलिए इस अवधि में डाटा सुरक्षा की मांग बढ़ेगी।
वित्त और बैंक जैसे वित्तीय क्षेत्रों की जाँच-पड़ताल होने की संभावना है।
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इसी आशा के साथ कि, आपको यह लेख भी पसंद आया होगा एस्ट्रोसेज के साथ बने रहने के लिए हम आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
बुध महाराज 24 अक्टूबर 2025 को वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे।
नहीं, ज्योतिष में मंगल और बुध को एक-दूसरे के शत्रु माना जाता है।
मंगल देव को वृश्चिक राशि पर स्वामित्व है।
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