शारदीय नवरात्रि 2025 नवमी पर कन्याओं को दें ये विशेष भेंट, जीवन से दूर होंगी सारी बाधाएं!
शारदीय नवरात्रि 2025 नवमी: शारदीय नवरात्रि सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो भक्तों के लिए आस्था, भक्ति और शक्ति साधना का अनोखा संगम माना जाता है। नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा अर्चना करने के बाद दशमी तिथि को नवरात्रि का समापन होता है।
वर्ष 2025 में शारदीय नवरात्रि का अंतिम दिन विशेष महत्व रखता है क्योंकि इसे विजय और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इस दिन मां दुर्गा के आशीर्वाद से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं और साधक को सुख-समृद्धि, सफलता और शांति का वरदान प्राप्त होता है।
अंतिम दिन का महत्व केवल देवी पूजा तक सीमित नहीं हैं, बल्कि इस दिन कन्या पूजन और भेंट का भी विशेष प्रावधान है। मान्यता है कि छोटी कन्याओं में मां दुर्गा का स्वरूप निहित होता है, उन्हें भोजन कराना और उपहार भेंट करना अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है।
ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होकर साधक की झोली खुशियों से भर देती हैं और उनके जीवन से दरिद्रता दुख और नकारात्मकता का अंत होता है।
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इसके साथ ही नवरात्रि के अंतिम दिन किए गए विशेष उपाय और पूजन विधियां हर प्रकार की मनोकामना की सिद्धि का मार्ग खोलती हैं।
चाहे संतान सुख की इच्छा हो, विवाह संबंधी बाधाएं हों या आर्थिक संकट, इस दिन सच्चे मन से की गई पूजा और कन्या पूजन सबका समाधान ला सकती है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं शारदीय नवरात्रि 2025 के नौवें दिन के बारे में ख़ास बातें।
शारदीय नवरात्रि 2025 नवमी की शुरुआत
यह दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित होता है। मां के नाम का अर्थ देखें तो सिद्धि का मतलब होता है आध्यात्मिक शक्ति और धात्री मतलब होता है देने वाली।
ऐसे में सिद्धि देने वाले देवी को सिद्धिदात्री देवी कहते हैं। इस 01 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी। आइए जानते हैं इस दिन के पूजा मुहूर्त के बारे में।
नवमी तिथि प्रारम्भ: सितम्बर 30, 2025 को 06 बजकर 07 मिनट से
नवमी तिथि समाप्त: अक्टूबर 01, 2025 को 07 बजकर 02 मिनट तक।
नवरात्रि पारण का समय : सुबह 06 बजकर 14 मिनट तक
शारदीय नवरात्रि 2025 नवमी: मां सिद्धिदात्री का स्वरूप
नवरात्रि के नौवें और अंतिम दिन मां दुर्गा के नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है। सिद्धिदात्री नाम का अर्थ है सिद्धियां देने वाली माता। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री अपने भक्तों को अष्ट सिद्धियां और नव निधियां प्रदान करती हैं।
मां का स्वरूप अत्यंत ही दिव्य और मनमोहक है। इनके चार भुजाएं हैं, जिनमें वे कमल, गदा, शंख और चक्र धारण किए रहती हैं। मां श्वेत वस्त्रों से अलंकृत रहती है और उनका वाहन सिंह है। हालांकि कहीं-कहीं इन्हें कमलासन पर विराजमान भी बताया गया है।
उनका शरीर उज्ज्वल आभा से दमकता है और चेहरा शांत, करुणामय और सौम्यता से भरा हुआ दिखाई देता है। मां सिद्धिदात्री की आराधना से भक्त को भौतिक सुख-सुविधाओं के साथ-साथ आध्यात्मिक उत्थान का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
वे साधक को अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व और वशित्व जैसी सभी सिद्धियां प्रदान करती हैं। मां का यह स्वरूप हमें यह प्रेरणा देता है कि सच्चे मन और विश्वास से की गई भक्ति जीवन में हर प्रकार की सफलता और सिद्धि दिला सकती है।
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शारदीय नवरात्रि 2025 नवमी: महत्व
शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन अत्यंत ही पवित्र और शुभ माना जाता है। इस दिन मां दुर्गा के नवम स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जाती है, जिन्हें सभी सिद्धियों और शक्तियों की देवी कहा जाता है। नौवां दिन नवरात्रि का अंतिम दिन होता है और इसे पूर्णता तथा सिद्धि प्राप्ति का प्रतीक माना गया है।
मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से मां सिद्धिदात्री की आराधना करने पर भक्त को भौतिक जीवन की सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है और आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
इस दिन कन्या पूजन और कन्याओं को भोजन कराने का विशेष महत्व बताया गया है। नौवीं तिथि पर श्रद्धा से किए गए कन्या पूजन से मां दुर्गा विशेष रूप से प्रसन्न होती हैं और साधक को सौभाग्य, धन, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
इसलिए शारदीय नवरात्रि का यह अंतिम दिन केवल देवी पूजन का दिन नहीं है, बल्कि यह भक्ति, साधना, दान और सिद्धियों की प्राप्ति का अद्भुत संगम भी है।
शारदीय नवरात्रि 2025 नवमी: प्रिय भोग , मंत्र, रंग
मां सिद्धिदात्री का प्रिय भोग
नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री के नारियल और तिल से बने व्यंजन अति प्रिय माने जाते हैं। भक्त इस दिन नारियल, हलुआ-पुरी, चने और खीर का भोग लगाते हैं। मान्यता है कि इससे मां जल्द प्रसन्न होकर भक्त को अपनी दिव्य सिद्धियां और वरदान प्रदान करती हैं।
मां सिद्धिदात्री का प्रिय रंग
मां सिद्धिदात्री का प्रिय रंग बैंगनी है। इस दिन बैंगनी या नीले रंग के वस्त्र पहनना और इस रंग के पुष्प अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यह रंग आध्यात्मिक मां सिद्धिदात्री शक्ति, स्थिरता और सफलता का प्रतीक है।
पूजन मंत्र
मां सिद्धिदात्री की पूजा के समय इस मंत्र का जप करना अत्यंत फलदायी माना जाता है:
ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः।
इस मंत्र का श्रद्धा और भक्ति से जाप करने से जीवन की सभी बाधाएँ दूर होती हैं और आत्मबल बढ़ता है।
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शारदीय नवरात्रि 2025 नवमी: पूजन विधि
इस दिन सबसे पहले घर को साफ करें और पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें। स्वयं स्नान करके स्वच्छ और विशेषकर बैंगनी या नीले रंग के वस्त्र पहनें।
इसके बाद कलश या घट के पास मां सिद्धिदात्री की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। पूजा स्थल पर नौ कन्याओं के प्रतीक के रूप में अक्षत या सुपारी रखें।
पुष्प विशेषकर बैंगनी फूल, धूप, दीपक, लाल, बैंगनी चुनरी, फल, मिठाई, नारियल और तिल के व्यंजन रखें।
मां सिद्धिदात्री का ध्यान करते हुए दीपक जलाएं और यह संकल्प लें।
साथ ही, ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः। इस मंत्र का 108 बार जाप करना उत्तम माना जाता है।
मां को नारियल, खीर, हलुआ-पूरी, चने और तिल से बने व्यंजन का भोग लगाएं।
घी का दीपक और कपूर जलाकर मां की आरती करें। आरती के समय पूरे परिवार के साथ “जय अम्बे गौरी” गाना बहुत शुभ माना जाता है।
इस दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। नौ कन्याओं और एक छोटे बालक को आमंत्रित कर भोजन कराएं, उन्हें चुनरी, फल, मिठाई और दक्षिणा देकर विदा करें।
पूजा के अंत में मां सिद्धिदात्री से प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन में सुख, शांति, सफलता और दिव्य सिद्धियाँ प्रदान करें।
शारदीय नवरात्रि 2025 नवमी पर कन्या पूजन की विधि
नवरात्रि की अष्टमी या नवमी को सुबह-सुबह 02 वर्ष से 10 वर्ष की 9 कन्याओं को आमंत्रित करें।
परंपरा के अनुसार, इनके साथ एक छोटे बालक को भी बुलाना उत्तम माना जाता है।
घर में प्रवेश करते समय कन्याओं के चरण धोएं और उन्हें घर में आदरपूर्वक बैठाएँ।
उनके पैरों को हल्के गंगाजल या स्वच्छ पानी से धोकर पवित्र करें।
फूल, अक्षत, रोली, हल्दी, चुनरी, कांच की चूड़ियां, मिठाई, नारियल और फल रखें। साथ ही भोजन बनाकर तैयार रखें।
प्रत्येक कन्या को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर तिलक करें और पुष्प अर्पित करें। उनके चरणों को स्पर्श कर आशीर्वाद लें।
कन्याओं को सबसे पहले भोजन परोसा जाए। परंपरागत रूप से हलुआ, पूरी और काले चने का भोजन खिलाया जाता है। भोजन के बाद उन्हें फल और मिठाई भी दी जाती है।
भोजन समाप्त होने के बाद कन्याओं को यथाशक्ति दक्षिणा, उपहार, फल, मिठाई, चुनरी या खिलौने भेंट करें। बालक को भी उपहार अवश्य दें।
अंत में कन्याओं से आशीर्वाद लें और आदरपूर्वक उन्हें विदा करें।
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शारदीय नवरात्रि 2025 नवमी: मां सिद्धिदात्री की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, प्राचीन काल में एक ब्राह्मण दंपत्ति था, जिनके घर निसंतान होने के कारण वे बहुत दुखी रहते थे। वे नवरात्रि में प्रतिदिन मां दुर्गा की उपासना करते और कन्याओं का पूजन करते थे।
वर्षों तक श्रद्धा और भक्ति के साथ इस विधि को करने के बाद उनकी मनोकामना पूर्ण हुई और उन्हें संतान की प्राप्ति हुई। तभी से यह मान्यता बन गई कि नवरात्रि में कन्या पूजन करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सभी इच्छाएं पूरी करती हैं।
एक अन्य कथा के अनुसार, जब महिषासुर के आतंक से देवता परेशान थे, तब मां दुर्गा ने उसका वध किया। युद्ध के बाद सभी देवताओं ने मां से कहा कि वे मनुष्यों के घर-घर में सदैव पूजी जाएं और अपने भक्तों की रक्षा करें।
मां दुर्गा ने वरदान दिया कि नवरात्रि के समय यदि भक्त कन्याओं का पूजन करेंगे और उन्हें भोजन कराएंगे, तो वे स्वयं उन कन्याओं के रूप में उनके घर विराजमान होकर भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करेंगी। इसी कारण नवरात्रि के अष्टमी औऱ नवमी तिथियों को कन्या पूजन और कन्या भोज करना सबसे पवित्र और फलदायी माना जाता है।
शारदीय नवरात्रि 2025 नवमी: राशि अनुसार दें कन्याओं को उपहार
मेष राशि
मेष राशि के लिए लाल चुनरी, लाल चूड़ी या फल देना शुभ माना जाता है। इससे परिवार में ऊर्जा और सौभाग्य आता है।
वृषभ राशि
वृषभ राशि वालों के लिए कन्याओं को सफेद वस्त्र, चांदी का सिक्का या दही शक्कर भेंट करना उत्तम है। इससे सुख-शांति और स्थिरता बढ़ती है।
मिथुन राशि
मिथुन राशि के लिए पेन, किताबें या हरी चूड़ियां देना बहुत शुभ है। इससे बुद्धि और शिक्षा में वृद्धि होती है।
कर्क राशि
कर्क राशि के लिए कन्याओं को दूध, सफेद मिठाई या चांदी का छोटा बर्तन भेंट करना शुभ रहेगा। इससे परिवार में सुख और संपन्नता बनी रहती है।
सिंह राशि
सिंह राशि के लिए पीले कपड़े, सोने जैसा दिखने वाला आभूषण (कृत्रिम भी हो सकता है) या गुड़ देना शुभ होता है। इससे मान-सम्मान और समृद्धि मिलती है।
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कन्या राशि
कन्या राशि के लिए हरे कपड़े, पेंसिल बॉक्स या स्टेशनरी सामान कन्याओं को देना उत्तम है। इससे विद्या और कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है।
तुला राशि
तुला राशि के लिए चूड़ियां, सौंदर्य प्रसाधन या इत्र कन्याओं को देना बहुत अच्छा है। इससे जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि के लिए लाल कपड़े, खिलौने या मीठा भेंट करना शुभ माना गया है। इससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और शक्ति मिलती है।
धनु राशि
धनु राशि वालों के लिए कन्याओं को पीली मिठाई, किताबें या पीले वस्त्र भेंट करना शुभ रहेगा। इससे ज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
मकर राशि
मकर राशि के लिए काले या नीले कपड़े, लोहे का छोटा सामान या तिल के लड्डू देना शुभ है। इससे बाधाएं दूर होती हैं।
कुंभ राशि
कुंभ राशि के लिए स्टेशनरी, नीले कपड़े या कांच की चीजें देना उत्तम है। इससे रचनात्मकता और भाग्य बढ़ता है।
मीन राशि
मीन राशि वालों के लिए हरे-नीले कपड़े, शंख या मिठाई कन्याओं को देना अच्छा है। इससे घर में शांति और खुशहाली आती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
01 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी। इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा और कन्या पूजन किया जाता है।
इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा होती है, जो सभी सिद्धियों और शक्तियों की दात्री मानी जाती हैं।
कन्या पूजन में 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को देवी का रूप मानकर भोजन और उपहार दिए जाते हैं। मान्यता है कि इससे मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर में समृद्धि आती है।
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