शारदीय नवरात्रि 2025 आठवां दिन: मां दुर्गा के ये उपाय बनाएंगे बिगड़े काम
शारदीय नवरात्रि 2025 आठवां दिन: हर गुजरते दिन के साथ शारदीय नवरात्रि अपने अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ रही है और इसी के साथ इसकी धार्मिक और आध्यात्मिक महत्ता और भी गहरी होती जाती है। नवरात्रि के पूरे नौ दिन वैसे तो खास होते हैं, लेकिन सप्तमी, अष्टमी और नवमी की तिथियां विशेष महत्व रखती हैं।
इनमें से अष्टमी का दिन बेहद पावन माना जाता है, जिसे महाअष्टमी भी कहा जाता है। इस दिन भक्तजन माता दुर्गा के अष्टम स्वरूप की पूजा करते हैं और साथ ही कन्या पूजन का विशेष विधान भी करते हैं। मान्यता है कि अष्टमी पर किया गया कन्या पूजन न केवल माता की कृपा प्राप्त कराता है, बल्कि जीवन से कष्ट और संकट भी दूर करता है।
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इस खास अवसर पर एस्ट्रोसेज एआई के इस विशेष लेख में हम आपको बताएंगे कि शारदीय नवरात्रि की महाअष्टमी तिथि पर किस देवी की आराधना की जाएगी, इस दिन का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा और कन्या पूजन करते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।
तो चलिए बिना देरी किए विस्तार से जानते हैं शारदीय नवरात्रि 2025 आठवां दिन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें।
शारदीय नवरात्रि 2025 आठवां दिन: समय
इस दिन दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है और मां महागौरी की पूजा करने का विधान है। अभिजीत मुहूर्त की बात करें तो इस दिन अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक होगी।
अष्टमी तिथि प्रारम्भ: सितम्बर 29, 2025 को शाम 04 बजकर 33 मिनट पर शुरू
अष्टमी तिथि समाप्त: सितम्बर 30, 2025 को शाम 06 बजकर 07 मिनट तक
शारदीय नवरात्रि 2025 आठवां दिन: मां महागौरी का स्वरूप
नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। उनका नाम ही उनके स्वरूप का परिचय देता है। महागौरी यानी अत्यंत गोरी, चमकदार और श्वेत वर्ण वाली। मां का शरीर हिम की तरह श्वेत और कोमल है, इसलिए इन्हें श्वेतवर्णा देवी भी कहा जाता है।
मां महागौरी का स्वरूप बेहद शांत, सौम्य और करुणामयी है। इनके चार भुजाएं हैं। दाहिने हाथ में त्रिशूल और अभयमुद्रा है, जबकि बाएं हाथों में डमरू और वरमुद्रा शोभित हैं।
मां नंदी बैल पर सवार रहती हैं, जो शक्ति और धर्म का प्रतीक है। इनका वस्त्र भी पूर्णतः श्वेत होता है, जिससे इन्हें श्वेताम्बरधरा कहा जाता है। मां महागौरी की आभा और तेज इतना प्रखर है कि उनके दर्शन मात्र से ही भक्त का मन पवित्र हो जाता है। ऐसा माना जाता है कि महागौरी अपनी करुणा से भक्तों के सभी दुख, कष्ट और पाप का नाश कर देती हैं।
वे विवाह योग्य कन्याओं को उत्तम वर प्रदान करती हैं और पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि लाती हैं। उनका स्वरूप एक ओर मां के सौम्य और शांत रूप को दर्शाता है, तो दूसरी ओर वे जीवन में अंधकार और अशुद्धियों का नाश करके उजाला और पवित्रता का मार्ग प्रशस्त करती हैं।
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शारदीय नवरात्रि 2025 आठवां दिन: पूजन विधि
पूजा स्थल पर कलश स्थापित करके हाथ में जल, चावल और फूल लेकर व्रत का संकल्प करें। मां से प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन से सभी दुख, दरिद्रता और पापों का नाश करें।
मां महागौरी की तस्वीर या प्रतिमा को पूजन स्थान पर स्थापित करें। उनके सामने दीपक जलाएं और धूप-दीप अर्पित करें।
मां को गंगाजल, कच्चा दूध, शहद, दही और जल से स्नान कराएं। इसके बाद मां को चंदन, अक्षत, पुष्प, रोली और सिंदूर अर्पित करें
मां महागौरी को नारियल, मिश्री, सफेद रंग की मिठाई, खीर और गाय का दूध विशेष प्रिय है। पूजा में इन्हें भोग लगाना शुभ माना जाता है।
मां के पूजन के समय उनके बीज मंत्र का जाप करें “ॐ देवी महागौर्यै नमः।” इस मंत्र का जाप 108 बार करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
पूजा के अंत में मां महागौरी की आरती करें। उन्हें पुष्प अर्पित करें और प्रार्थना करें कि वे आपके जीवन से नकारात्मकता, दरिद्रता और रोग-शोक का अंत करें और पवित्रता, शांति व सुख-समृद्धि प्रदान करें।
इसके बाद महाअष्टमी या नवमी के दिन विशेष रूप से कन्या पूजन करने की परंपरा है। नौ कन्याओं को घर बुलाकर उन्हें पूजन, भोजन और वस्त्र देकर सम्मानित करना मां महागौरी को अत्यंत प्रिय है।
शारदीय नवरात्रि 2025 आठवां दिन: कथा
दुर्गा मां का आठवां रूप महागौरी है। इनका स्वरूप अत्यंत ही दिव्य, कोमल और तेजस्वी है। मां का वर्ण चांद की तरह उज्जवल और गोरा है। यही कारण है कि इनका नाम महागौरी पड़ा। पौराणिक कथा के अनुसार, भगवती पार्वती ने भगवान शंकर को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी।
उन्होंने हिमालय पर कई वर्षों तक घोर कठिन तप किया। तपस्या इतनी कठिन थी कि उन्होंने धूप, वर्षा आंधी, तूफान और बर्फबारी सब कुछ सहा।
कई सालों तक बिना भोजन-पानी के रहकर कठोर तप करने के कारण उनका शरीर काला और मलिन हो गया। उनकी इस दशा को देखकर भगवान शिव प्रसन्न हुए और उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया।
भगवान शिव ने गंगा जी के पवित्र जल से जब मां पार्वती को स्नान कराया तब उनका रंग अत्यंत गोरा, उज्जवल और दिव्य हो गया तभी से वे महागौरी के नाम से जानी जाने लगीं।
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मां महागौरी के नाम का अर्थ और महत्व
मां महागौरी के नाम का अर्थ और महत्व बहुत ही गहन है। “महा” का अर्थ है महान या अत्यंत और “गौरी” का अर्थ है उज्ज्वल, गोरी या श्वेतवर्णा। इस प्रकार “महागौरी” का मतलब हुआ अत्यंत श्वेतवर्णा और दिव्य तेज वाली देवी। मां महागौरी का स्वरूप हिम के समान श्वेत और चंद्रमा के समान शांत व कोमल माना गया है।
उनका यह रूप निर्मलता, पवित्रता और शांति का प्रतीक है। नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा विशेष फलदायी होती है। ऐसा विश्वास किया जाता है कि उनकी उपासना से भक्त के पाप नष्ट होते हैं और आत्मा शुद्ध होकर मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसर होती है। मां महागौरी की कृपा से जीवन के कष्ट दुख और रोग दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है।
विवाह में बाधाएं दूर करने और दांपत्य जीवन में सुख- सौभाग्य प्राप्त करने के लिए भी इनकी साधना अत्यंत प्रभावी मानी गई है। मां महागौरी को करुणा और ममता की मूर्ति कहा जाता है।
उनकी कृपा से भक्त का जीवन प्रकाशमय होता है, अंधकार दूर होता है और उसे मानसिक शांति, भौतिक सुख तथा आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। इसी कारण मां महागौरी का नाम औऱ पूजा दोनों ही भक्तों के लिए अत्यंत कल्याणकारी और मंगलदायी माने गए हैं।
शारदीय नवरात्रि 2025 आठवां दिन : पूजा मंत्र- भोग- और शुभ रंग
मां महागौरी का पूजन मंत्र
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। इन्हें प्रसन्न करने के लिए यह मंत्र विशेष फलदायी माना गया है:
“ॐ देवी महागौर्यै नमः”
इस मंत्र का श्रद्धापूर्वक जप करने से साधक के सभी पाप नष्ट होते हैं और जीवन में शांति, सुख और सौभाग्य का आगमन होता है।
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मां महागौरी का भोग
मां महागौरी को शुद्धता और सादगी का प्रतीक माना गया है। उन्हें पूजन के समय नारियल, हलवा, पूड़ी और सफेद रंग की मिठाई जैसे पुए-खीर का भोग लगाना शुभ फल देने वाला लेता है। मान्यता है कि इस दिन मां को भोग लगाने से भक्त को जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक शांति प्राप्त होती है। साथ ही कन्या पूजन करने पर मां विशेष कृपा बरसाती है।
मां महागौरी का शुभ रंग
मां महागौरी का रंग श्वेत है और इसलिए उन्हें सफेद रंग विशेष प्रिय है। भक्तों को इस दिन वस्त्र पहनकर पूजा करनी चाहिए। सफेद रंग निर्मलता, पवित्रता और शांति का प्रतीक माना जाता है। इस रंग से मां को प्रसन्न करना अत्यंत सरल होता है और जीवन में सुख-समृद्धि व सकारात्मक ऊर्जा का आगमन होता है।
शारदीय नवरात्रि 2025 आठवां दिन: राशि अनुसार उपाय
मेष राशि
मां महागौरी को लाल फूल और गुड़ का भोग लगाएं। इस उपाय से करियर में सफलता और आत्मविश्वास बढ़ेगा।
वृषभ राशि
गाय को हरा चारा खिलाएं और मां को खीर का भोग लगाएं। इससे पारिवारिक सुख और आर्थिक लाभ होगा।
मिथुन राशि
मां को पान के पत्ते और नारियल अर्पित करें। यह उपाय आपके वैवाहिक जीवन और रिश्तों में मिठास लाएगा।
कर्क राशि
सफेद वस्त्र पहनकर मां को दूध से बनी मिठाई अर्पित करें। इससे स्वास्थ्य लाभ होगा और मानसिक शांति मिलेगी।
सिंह राशि
मां को लाल चुनरी और मिठाई का भोग चढ़ाएं। इस उपाय से मान-सम्मान बढ़ेगा और समाज में प्रतिष्ठा मिलेगी।
कन्या राशि
कन्या राशि के जातकों को मां को मिश्री और साबुत चावल अर्पित करें। यह उपाय शिक्षा, करियर और बुद्धि में प्रगति दिलाएगा।
तुला राशि
सुगंधित अगरबत्ती जलाकर मां को अर्पित करें और खीर का भोग लगाएं। इससे दांपत्य जीवन और रिश्तों में सामंजस्य रहेगा।
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वृश्चिक राशि
मां को लाल फल का भोग लगाएं। यह उपाय नौकरी और व्यवसाय में लाभ दिलाएगा।
धनु राशि
पीला वस्त्र पहनकर मां को पीली मिठाई अर्पित करें। इससे किस्मत चमकेगी और कार्यक्षेत्र में उन्नति होगी।
मकर राशि
मां को तिल और गुड़ के लड्डू का भोग लगाएं। यह उपाय धन संबंधित समस्याओं से मुक्ति और स्थिरता दिलाएगा।
कुंभ राशि
मां को नीले या बैंगनी फूल चढ़ाएं और हलवा अर्पित करें। इससे रुके हुए कार्य पूरे होंगे और करियर में प्रगति होगी।
मीन राशि
मां को दूध से बनी खीर और शंखपुष्पी अर्पित करें। यह उपाय मानसिक शांति और पारिवारिक सुख प्रदान करेगा।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आठवें दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है।
मां महागौरी का रंग चांदनी की तरह सफेद है। वे सफेद वस्त्र धारण करती हैं।
माना जाता है कि उनकी पूजा से जीवन की समस्त परेशानियां दूर होती हैं, विवाह में आ रही बाधाएं समाप्त होती हैं और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
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