Ganesha Worship Rules : गणपति की किस मूर्ति की पूजा का क्या मिलता है फल, जानें गणेश पूजा का पूरा नियम
किसी भी हिंदू (Hindu) व्यक्ति का घर बड़ा हो या फिर छोटा वह अपने घर में शुभता को बनाए रखने और सभी विघ्न बाधाओं को दूर करने के लिए गणपति की मूर्ति (Lord Ganesha Idol) , फोटो आदि रखकर पूजा जरूर करता है. ऋद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ के दाता भगवान श्री गणेश की साधना (Lord Ganesha Worship) सनातन परंपरा में अत्यंत ही सरल मानी गई है क्योंकि गणपति महज दूर्वा या फिर एक सुपारी चढ़ाने मात्र से प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर प्रसन्न हो जाते हैं और उसे मनचाहा वरदान देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि घर में कितने और कैसे गणपति (Lord Ganesha) रखना चाहिए? आइए जानते हैं कि गणपति की किस प्रतिमा की विधि-विधान से पूजा करने पर कौन सा मिलता है वरदान.
पूजा स्थल पर गणपति की कितनी रखें मूर्ति
घर के पूजा स्थल पर प्रथम पूजनीय भगवान श्री गणेश (Lord Ganesh) की मूर्ति रखना अत्यंत शुभ माना जाता है, लेकिन इसे रखने के लिए भी कुछ जरूरी नियम बनाए गये हैं. मान्यता है कि घर में मंगलमूर्ति गणपति की विषम संख्या यानि 3, 5, 7 या 9 संख्या में नहीं होनी चाहिए. इसकी बजाय आप गणपति की 2, 4 या 6 जैसी सम संख्या में मूर्तियां रख सकते हैं. यदि आपके पास गणपति की एक मूर्ति है तो आप एक सुपारी के गणेश जी बनाकर भी पूजा कर सकते हैं.
घर में किस गणपति की करें पूजा
प्रत्येक व्यक्ति अपनी आस्था और मनोकामना के अनुसार गणपति के स्वरूप की पूजा करता है. लेकिन कई बार हम जाने-अनजाने में गणपति की आराधना में कुछ गलतियां हो जाती हैं. जैसे घर में कभी भी खड़े हुए गणपति की मूर्ति नहीं करना चाहिए. घर में हमेशा बैठे हुए गणपति की पूजा ही शुभ मानी गई है. इसी प्रकार अलग-अलग मनोकामनाओं के लिए अलग-अलग गणपति की पूजा करने का विधान है.
श्वेतार्क गणपति – आक के पौधे की जड़ से बने श्वेतार्क गणपति की पूजा करने से साधक को किसी भी प्रकार के टोने-टोटके, नजर आदि दोष का भय नहीं रहता है.
पारद के गणेश – गणपति की पारद से बनी प्रतिमा क पूजा अत्यंत ही शुभ मानी गई है. पारद गणेश की पूजा करने पर व्यक्ति को जीवन से जुड़े सभी सुख शीघ्र ही प्राप्त होते हैं और उसके जीवन में कभी किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं आती है.
चांदी के गणपति – चांदी से निर्मित गणपति की प्रतिमा की पूजा करने पर साधक को धन-धान्य और सुख-संपत्ति की प्राप्ति होती है. गणपति के आशीर्वाद से साधक को जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है.
चंदन के गणपति – चंदन से निर्मित गणपति की पूजा से साधक के घर में प्रेम और सामंजस्य बना रहता है. चंदन निर्मित गणपति की पूजा करने से व्यक्ति का मन निर्मल एवं पवित्र बना रहता है और उसे आध्यात्मिक
मूंगे के गणपति – सिंदूरी मूंगे के बने गणेश जी की पूजा करने से जीवन से जुड़े ज्ञात-अज्ञात शत्रुओं का भय दूर हो जाता है और साधक गणपति की कृपा से निर्भय होकर सुखी जीवन जीता है.
पन्ना के गणेश – बेशकीमती पन्ना रत्न से बने गणपति की साधना करने पर साधक को बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद प्राप्त होता है. परीक्षा-प्रतियोगिता में सफलता पाने के लिए पन्ना के गणपति की साधना अत्यंत ही गणपति शुभ और फलदायी मानी गई है. सुखों की प्राप्ति होती है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)