भोले हो भोले हो मेरे शंकर कैलाशपति Song
innocent my Shankar Kailashpati
भोले हो भोले हो मेरे शंकर कैलाशपति,
भोले बाबा से कह रही पार्वती तुम सुनियो जी कैलाशपति,
भोले कैसे है भाग्य हमारे कोई घर है ना कोई द्वारे,
तेरी भंगिया घोटूं मैं खड़ी खड़ी तुम सुनियो जी कैलाशपति,
भोले बाबा से कह रही पार्वती……….
भोले जिस दिन से ब्याह के आई कभी रंग महल में ना सोई,
तेरी भंगिया घोटूं मैं खड़ी खड़ी भोले जिसमे दोनों रहे हम पत्नी पति,
तुम सुनियो जी कैलाशपति भोले बाबा से कह रही पार्वती……….
भोले बाबा ने महल बनाया उसका लंका नाम धराया,
सारे देवो में कैसी ये हलचल मची तुम सुनियो जी कैलाशपति,
भोले बाबा से कह रही पार्वती……….
गौरा रानी ने हवन कराया उसने रावण को पंडित बुलवाया,
और दान में दे दई लंकपुरी तुम सुनियो जी कैलाशपति,
भोले बाबा से कह रही पार्वती……….
रावण मन में हर्षोया देखो कैसी प्रभु की माया,
मैं तो रावण से बन गया लंकापति तुम सुनियो जी कैलाशपति,
भोले बाबा से कह रही पार्वती……….