Sawan 2024: रेत के शिवलिंग का अभिषेक करने उमड़ते हैं श्रद्धालु, मप्र में चंदन नदी किनारे है यह मंदिर
रामपायली में चंदन नदी किनारे बने मंदिर के पास शरभंग ऋषि के तप करने का भी उल्लेख भी रामायण में मिलता है। यहां पर उनका आश्रम भी विराजित हैं। मंदिर के पुजारी रविशंकर दास वैष्णव के अनुसार मंदिर में बालू वाला शिवलिंग वर्ष 1875 में अस्तित्व में आया। यहां सावन मास भर श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ लगती है।