शादी - विवाह, नामकरण, गृह प्रवेश, काल सर्प दोष , मार्कण्डेय पूजा , गुरु चांडाल पूजा, पितृ दोष निवारण - पूजा , महाम्रत्युन्जय , गृह शांति , वास्तु दोष

 दुर्गा भवानी आई रे देवी दुर्गा Bhajan

दुर्गा भवानी आई रे, देवी दुर्गा

आई सिंह पे सवार, छाया तेज बेशुमार

खुशिया हजारो लाई रे देवी दुर्गा ||

तुने ही महिषासुर मारा, मधु-केटभ को तुने पछाड़ा,

पहने मुंडो की माला.. क्रोध की भड़के ज्वाला,

रूप अनोखा पाई रे

देवी दुर्गा

दुर्गा भवानी आयी रे

देवी दुर्गा

देवो के दुखो को टारे, शुम्भ -निशुम्भ दनुज संघारे,

तेरी ना सानी हे, दुनिया ने मानी हे, महिमा सभी ने गाई रे,

देवी दुर्गा

दुर्गा भवानी आयी रे

देवी दुर्गा

जो कोई द्वारे तुम्हारा आया, मुह माँगा सब ही ने पाया,

पल मे भंडार भर दे, तू जो चाहे कर दे, पर्वत को भी राई रे,

देवी दुर्गा

दुर्गा भवानी आयी रे

देवी दुर्गा

तुम ही हो माँ जग की जननी , आस लगी चरणन की,

दुखो ने घेरा हे, जीवन ये मेरा हे, दिल मे उदासी छाई रे,

देवी दुर्गा

दुर्गा भवानी आयी रे

देवी दुर्गा ||

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