हे भोले शंकर पधारो song
हे भोले शंकर पधारो बैठे छिप के कहाँ । गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ ॥ महा सती के.
हे भोले शंकर पधारो बैठे छिप के कहाँ । गंगा जटा में तुम्हारी, हम प्यासे यहाँ ॥ महा सती के.
शंकर मेरा प्यारा, शंकर मेरा प्यारा। माँ री माँ मुझे मूरत ला दे, शिव शंकर की मूरत ला दे, मूरत.
मैं बालक तू माता शेरां वालिए, है अटूट यह नाता शेरां वालिए । शेरां वालिए माँ, पहाड़ा वालिए माँ, मेहरा.
सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले बन्दे ये शुभ काम सुबह सुबह ले शिव का नाम, कर ले.
हरी नाम नहीं तो जीना क्याअमृत है हरी नाम जगत में,इसे छोड़ विषय रस पीना क्या काल सदा अपने रस.
रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने,रचा है श्रष्टि को जिस प्रभु ने,वही ये श्रष्टि चला रहे है,जो पेड़ हमने.
come to barsana nandas nandlala बरसाने में आ जइयो नंद के नंदलाला…. चार महीना आये गर्मी के कह रही राधा.
innocent my Shankar Kailashpati भोले हो भोले हो मेरे शंकर कैलाशपति,भोले बाबा से कह रही पार्वती तुम सुनियो जी कैलाशपति,भोले.
ॐ जय जगदीश हरे,स्वामी जय जगदीश हरे ।भक्त जनों के संकट,दास जनों के संकट,क्षण में दूर करे ॥॥ ॐ जय.
जय वैष्णवी माता, मैया जय वैष्णवी माता ।हाथ जोड़ तेरे आगे, आरती मैं गाता ॥॥ जय वैष्णवी माता ॥ शीश.
गौड़ ब्राह्मणों का नाम एक प्राचीन प्रांत के नाम पर पड़ा है। यह प्रांत अब गौड़ नगर है, जो चिरकाल तक बिहार और बंगाल की राजधानी रहा है। गौड़ ब्राहमण के पाँच भेदों में से एक खास गौड़ ब्राह्मण भी कहा गया है | जिसे आदि गौड़ भी कहते हैं | गौड़ देश में निवेश करने वाले ब्राह्मण कहलाये | जाति भास्कर मैं लिखा है कि बंगदेश से लेकर अमरनाथ तक गौड़ देश स्थित है | ब्रह्मोत्पत्ति निबन्ध के निर्णय अध्याय मैं लिखा है कि जो वेदपाठी , तपस्वी ब्राह्मण सर्वप्रथम ब्रह्मक्षेत्र मैं पैदा हुए थे , वेद के धारण करने वाले तथा सदाचार प्रवर्तक थे | इन्ही ब्राह्मणो को आदि गौड़ मानना चाहिए | गौड़ ब्राह्मणों की उप-शाखाएं काफ़ी संख्या में हैं। उनमें से सर्वाधिक इस प्रकार हैं- गौड़ | आदि-गौड़ | श्री-गौड़ | आदि-श्री गौड़ | गुर्जर गौड़
Address: Aligarh, Uttar Pradesh, India
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सभी तथ्य इंटरनेट तथा लिखी हुए पुराने ग्रन्थ किताब जो होम पेज पैर लिंक दिए है की मदद से निकाले है से जानकारी निकालकर एक जगह एकत्रित किया गया है ,
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